यूं तो बढ़ती आधुनिकता के साथ खेती करने के भी नए और नवीन तरीके आते जा रहे हैं। लोगों को भी इसका ज्ञान और इनके प्रति जागरूकता सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं से मिल रही है परंतु फिर भी खेती करना आसान काम नहीं होता। खासकर जब आप शहर में रह रहे हो। पर पुणे किस महिला ने असंभव को संभव कर दिखाया है।
बता दें कि नीला रैनाविकार पंचपुर नामक एक महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे वैज्ञानिकों का भी दिमाग चकरा गया है। नीला के पास शहर में सिर्फ 450 स्क्वायर फीट का टेरेस गार्डन है और वह इसी गार्डन में बिना मिट्टी के साग-सब्जी व अन्य फ्रूट्स उगाती हैं। बता दें कि नीला को इस तरह की खेती करते हुए आज 10 साल हो चुके हैं।
उन्होंने अपने पौधों के लिए जो कंपोस्ट या खाद तैयार किया है वह सूखे पत्ते, किचन के वेस्ट और गोबर का बनाया हुआ है। खाद में मिट्टी का जरा भी प्रयोग नहीं किया गया है। नीला का मानना है कि इससे पौधे की हेल्थ अच्छी रहती है और साथ ही के चूल्हे के लिए भी बढ़िया वातावरण तैयार होता है। पहचान फरीदाबाद से खास बातचीत में नीला ने बताया कि वह खुद को पर्यावरण के करीब मानती हैं परंतु बिजी लाइफ स्टाइल के चलते उनका खेती करने का शौक सिर्फ अपने घर की टेरेस तक ही सीमित रह गया।
बावजूद इसके नीला का पूरा पूरा प्रयास रहता है कि वह किचन के वेस्ट का इस्तेमाल सही तरीके से करें और साथ ही अपने दोस्तों और परिवार वालों को भी गोबर और किचन के वेस्ट जैसी चीजों का महत्व समझाएं। नीला ने इंटरनेट से मिट्टी के बिना पौधे उगाने की तकनीक सूची और अब वह किचन के वेस्ट पेड़ की सूखी पत्तियां और डालियाँ और गोबर के मिश्रण से ही पौधों की खुराक तैयार कर लेती है।
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