जल्द बीके अस्पताल को मिलेगी ढेड़ करोड़ की मशीने, मरीजों को मिलेगा फायदा

बीके अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए अब एक अच्छी खबर है। अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जल्दी ही ढेड़ करोड़ की मशीने आने वाली है। उन मशीनों के आने के बाद मरीजों को ओर भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।

बीके अस्पताल के पीएमओ डाॅक्टर सविता यादव ने बताया कि उनके पास निदेशालय की ओर से एक पत्र मिला है। जिसमें निदेशालय की ओर से उनको बताया कि बीके अस्पताल को जल्द ही कुछ महत्वपूर्ण मशीने मिलने वाली है। उन्होंने बताया इनमें जो मशीने आ रही है वह फिजियोथेरेपी व आॅपरेशन थियेटर की है।

जल्द बीके अस्पताल को मिलेगी ढेड़ करोड़ की मशीने, मरीजों को मिलेगा फायदा

क्योंकि ऑपरेशन थियेटर को अपग्रेड करने के लिए कई बाद निदेशायल को कहा जा चुका है। लेकिन अब कुछ मशीने आ रही है। जिससे आॅपरेशन करने में डाॅक्टरों को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि अब जो मशीने अस्पताल में आने वाली है। उनकी कीमत करीब ढेड़ करोड़ है। उन्होंने बताया कि अभी जो मशीने आ रही है उसमें सी आर्म मशीन, इंटरफेरेंशियल थेरेपी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, माइक्रोवेव थेरेपी, अल्ट्रासोनिक थेरेपी मशीन मौजूद है। यह सभी मशीने निदेशायल की ओर से भेजी जानी है। उन्होंनें बताया कि जल्दी ही आने की उम्मीद है।

क्या होती है सी आर्म मशीन

उन्होंने बताया कि सी आर्म मशीन हड्डी से जुड़े ऑपरेशन के काम में आती है। यह मशीन दस लाख रुपए से शुरू होती है। इस मशीन के जरिए डॉक्टर ऑपरेशन के दौरान हड्डी या अंदर की जगह को स्क्रीन पर देख पाते हैं। इसके जरिए माइनर से लेकर बड़ा ऑपरेशन किया जा सकता है। कौनसा स्क्रू, रोड, कहां डालनी है यह इस मशीन के आधार पर ही लगाए जाते हैं। इस मशीन के बिना ऑपरेशन करना असंभव होता है। इसीलिए सी आर्म मशीन बहुत उपयोग होती है।

दर्द में राहत देगी इंटरफेरेंशियल थेरेपी

इंटरफेरेंशियल थेरेपी एक प्रकार की थेरेपी है जो बहुत ही प्रभावी है और विभिन्न ‎फिजियोथेरेपिक क्लीनिक द्वारा दर्द से राहत देने में उपयोग की जाती है। यह स्व-उपचार ‎की प्रक्रिया में तेजी लाने और रोगी के शरीर को दर्द से मुक्त करने और स्वस्थ शारीरिक स्थितियों को प्राप्त ‎करने में मदद करता है। इस थेरेपी में विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा ‎इंटरफेरेंशियल डिवाइस की मदद से, रोगी के प्रभावित शरीर के हिस्से की त्वचा पर ‎इंटरफेरेंशियल करंट का उत्पादन किया जाता है। यह इंटरफेरेंशियल करंट त्वचा में प्रवेश ‎करता है और अंतर्निहित जीवित मांसपेशी ऊतक तक पहुंचता है। इसके अलावा माइक्रोवेव थेरेपी व अल्ट्रासोनिक थेरेपी भी आएगी। जिससे लकवा वाले मरीजों को फायदा होगा।

हवा से बनेगी ऑक्सीजन

उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विद्युत चलित मशीन है। यह मशीन हवा से प्रतिमिनट पांच लीटर मेडिकल ऑक्सीजन बनाएगी। एक मशीन का प्रयोग दो मरीजों को हवा देने में किया जा सकेगा। इस मशीन की कीमत करीब एक करोड़ रूपये की है। इससे आने से मरीजों को फायदा होगा।

Avinash Kumar Singh

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