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सिंधु बॉर्डर पर हरियाणा के भंडारे ने मचाया तहलका, दो-तीन किलोमीटर दूर हर व्यक्ति भंडारा खाने पहुंचा

अपने लिए न्याय की गुहार लगाते और दिन रात सरकार से कृषि कानून में बदलाव के लिए आंदोलन पर उतारू सैकड़ों किसान सिंधु बॉर्डर पर कमर तोड़ती ठंड में भी सड़क पर रात गुजार रहे हैं। लगभग डेढ़ महीना हो चुका है और किसान अपनी बातों पर अडिग है।

ऐसे में किसानों के खाने-पीने का इंतजाम भी लंगर और भंडारे द्वारा किया जा रहा है। यह बात अलग है कि जो लोग किसानों और कृषि कानून से ताल्लुक तक नहीं रखते उन राहगीरों को भी भरपेट भोजन कराया जा रहा है।

सिंधु बॉर्डर पर हरियाणा के भंडारे ने मचाया तहलका, दो-तीन किलोमीटर दूर हर व्यक्ति भंडारा खाने पहुंचा

उदाहरण के लिए जिस तरह एक व्यापारी चिल्ला चिल्ला कर अपने व्यापार को बेचने के लिए ग्राहकों को अपने पास बुलाता है। इसी भांति बॉर्डर से आवागमन करने वाले राहगीरों को भी बुला बुलाकर भोजन करवाया जा रहा है।

कहने को तो एक महीने में खूब लंगर लगाए गए लेकिन इन दिनों हरियाणा वालों का भंडारा ना सिर्फ किसानों में बल्कि आसपास के लोगों में भी काफी प्रचलित हो गया है।

यह सुनने में आया है कि भंडारे में बनाया जाने वाला भोजन इतना स्वादिष्ट होता है कि इसे खाने के लिए लोग 2 से 3 किलोमीटर पैदल सफर तय कर पहुंच रहे हैं। जबकि उनके दस मीटर दूर ही अन्य लंगर चल रहे हैं।

दरअसल, हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के छतैहरा व अन्य गांव के लोगों की ओर से सिंघु बार्डर पर भंडारा लगाया गया है। लोगों का कहना है कि इस भंडारे में उपलब्ध करवाया जाने वाला भोजन इतना स्वादिष्ट है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों को यह खाना बेहद पसंद आ रहा है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मुंडलाना गांव के प्रधान सुरेंद्र ने बताया कि उनकी ओर से प्रदर्शन की शुरुआत से ही यहां पर भंडारा लगाया गया है। भंडारे में कढ़ी-चावल, लस्सी, अचार व गुड़ का स्वाद लोगों को इतना भाने लगा है कि जिसका मन नहीं जाता वह भी इस खाने के लिए हामी भर रहा है।

सुरेन्द्र ने कहा कि जब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, तब तक वह यहां इसी तरह भंडारा जारी रखेंगे। बात तो देशभर में प्रचलित है कि हरियाणा के दूध, घी व लस्सी का कोई जवाब नहीं हैं।

इसका जीता जागता उदाहरण सिंघु बार्डर पर देखने को मिलता है। यहां पर हरियाणा वालों के भंडारे में हर रोज गांवों से दर्जनों ड्रम में भरकर लस्सी लाई जाती है और किसानों को पिलाई जाती है, ताकि दूसरे राज्यों से आए किसानों को कोई परेशानी न हो।

डेढ़ महीने से काम ठप पड़ा है। इसलिए हर रोज लंगर व भंडारों में ही खाना खाता हूं। मैंने कई जगह खाना खाया, लेकिन हरियाणा वालों के भंडारे का खाना सबसे स्वादिष्ट है और अच्छा है। इसलिए मैं रोजाना यहीं खाना खाने आता हूं।

Avinash Kumar Singh

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