अमूमन हम सभी ने सफ़ेद चावल तो खाये ही होंगे। लेकिन काला चावल भी आता है इसके बारे में शायद आपको पता नहीं होगा आपने सुना भी नहीं होगा। चावल की तमाम किस्में आपने देखी होंगी। खाई भी होंगी, मगर अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की ही पैदावार कर रहे हैं। तिगांव के एक किसान ने चावल की लीक से हटकर खेती की है। काले चावल (ब्लैक राइस) की खेती का नतीजा यह निकला है कि किसान रातों-रात मालामाल हो सकते हैं।
आप बस करने की इच्छा तो रखिये सभी काम संभव हैं। इस चावल की देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी डिमांड आ रही है। तिगांव के यह किसान भोग धान की खेती कर अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गए है।
देश में अब तक किसान धान की परम्परागत खेती करते आ रहे थे लेकिन अब उनका रुख काले चावलों की ओर भी बढ़ा है। ग धान की खेती से किसानों की जल्द ही आर्थिक हालत सुधरने वाली है। इसकी खेती करने से आमदनी दोगुना होने पर हर साल संख्या बढ़ने लगी है। इस किस्म को उगाने में जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है और धान से बना चावल महानगरों में आसानी से विक्रय होने से अच्छी आमदानी प्राप्त कर रहे है।
देश के अलग – अलग हिस्सों से ऐसी ख़बरें आती काले चावल हाथों-हाथ सफेद चावल से दोगुनी कीमत पर बिक गए। ऐसे में किसानों का काले चावल की खेती में रुझान बढ़ता गया। यह चावल किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है।
इस चावल में औषधीय गुण बताये जाते हैं एवं कोई भी इसकी खेती ज़रूर कर सकता है। सफेद चावल की तुलना काला चावल काफी फायदेमंद है। स्थानीय बाजार में यह चावल भले ही 300 से 350 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा, लेकिन ऑनलाइन 399 से 499 रुपए प्रति किलो मूल्य है। विशेष प्रकार के तत्व एथेसायनिन के कारण काले चावल का रंग काला होता है।
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