हरियाणा राज्य के अंतर्गत आने वाले फरीदाबाद जिले के बड़खल विधानसभा में अरावली वन विभाग क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और कब्जे को लेकर कई प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे थे।
जिसके बाद बढ़खल विधायिका सीमा तिरखा द्वारा भी उनकी विधानसभा बड़खल में बन रहे अवैध फॉर्म हाउसों का मुद्दा विधानसभा में उठाया गया था।
जिसके बाद इस की जांच के लिए आईएएस अशोक खेमका को कार्यरत भी किया गया था। दरअसल, आपको बता दें कि यह फॉर्म हाउस फरीदाबाद और गुरुग्राम में अवैध रूप से बनाए गए थे, परंतु यह फॉर्म हाउस किसके नाम पर बनाए गए हैं, फिलहाल अभी तक किसी को कोई जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है।
वहीं अशोक खेमका ने आरटीआई के तहत अर्बन लोकल बॉडी से यह सवाल भी पूछा गया था कि फार्म हाउस के मालिक कौन है? जिसके बाद इस पर अर्बन लोकल बॉडी ने ये आरटीआई टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को भेज दी थी लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को भी नहीं पता कि इन फार्म हाउसों के मालिक कौन हैं।
जिसके बाद जब राज्य सूचना आयोग में अपील की गई तो राज्य सूचना आयोग के कमीशन ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व हरियाणा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को आदेश जारी कर इन फार्म हाउसों के मालिकों के नाम पता करने के लिए कहा है। ताकि इनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
सूत्रों से मिली जानकारी से बात की जाए तो यह बात प्रकाशित हुई है कि अरावली क्षेत्र के अंदर जितने भी फार्म हाउस अभी तक बनाए गए हैं। वह किसी सामान्य वर्ग नहीं बल्कि बड़े-बड़े रसूख वाले लोगों के हैं।
इन रसूखदारों में बड़े-बड़े नेता से लेकर वकील, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नाम भी शामिल है। राज्य सूचना आयोग ने एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है और सर्वे कर इन फार्म हाउसों के मालिकों के नाम बताने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 10 मार्च को होनी है।
वहीं जिला वनअधिकारी राजकुमार का कहना है कि सर्वे कर अरावली क्षेत्र में बने हुए फॉर्म हाउसों की जानकारी एकत्रित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो हरियाणा फॉरेस्ट की तरफ से उनके पास कोई आदेश नहीं आया है। उन्होंने कहा अगर कोई आदेश आता है तो वह उसकी पालना में जरूर करेंगे।
27 फरवरी 2020 को एमएलए सीमा त्रिखा ने विधानसभा में अरावली में बने अवैध फॉर्म हाउस का प्रश्न उठाया था,
28 फरवरी 2020 को आईएएस अशोक खेमका ने हरियाणा अर्बन लोकल बॉडी के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी से आरटीआई के तहत इन फॉर्म हाउसों की डिटेल मांगी।
6 मार्च 2020 को ये आरटीआई टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को ट्रांसफर कर दी गई, लेकिन कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
31 अगस्त 2020 को पहली अपील हुई इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
फिर सेकेंड अपील 8 दिसंबर 2020 को हुई जिसमें राज्य सूचना आयोग ने पूरी जानकारी देने के लिए कहा 15 जनवरी 2021 को इसकी सुनवाई में फिर से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व हरियाणा फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट को आदेश जारी हुए
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