दिल में जज्बा हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता बस हिम्मत जुटाने की देर है। आज की कहानी सुनकर आपके होश उड़ाने वाले है। यह कहानी है एक ऐसे इंसान की जिसने अपना बिजनेस छोड़कर फलों और सब्जियों की खेती शुरू की और आज इतना लाख रुपए कमा रहे है जिसे सुनकर आप भी यकीनन हैरान रह जाएंगे।
यह कहानी है हरयाणा के रहने वाले सुरेश की। सुरेश का परिवार खेती बाड़ी से नहीं जुड़ा हुआ मगर उन्होंने अपने जीवन में खेती को अपना दोस्त बना लिया है । वह पिछले 7 सालों से यह काम कर रहे है। सुरेश ने करीब 32 वर्षो तक बिजनेस किया और आज 30 लाख रुपए के अकेले मालिक है।
खेती से मानो उनको प्यार हो गया है और उन्होंने 18 एकड़ जमीन खेती पर लगा दी है। सुरेश ने अपनी पढ़ाई जब पूरी खत्म की तो उसके बाद वह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने चेन्नई चले गए एयर वहां 3 दशकों तक इस सेक्टर में काम किया। उसके बाद सुरेश मुम्बई शिफ्ट हो गए हालांकि उनका गांव आना जाना लगा रहता था।
गांव में ज्यादा सुविधाएं न होने के कारण लोगो को गांव से दूर सब्जियां लेने जाना पड़ता था। सुरेश के साथ एक घटना घटी थी जिसके तुरंत बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह अब अपना बिजनेस छोड़ देंगे। दरसल, जब उनके मामा ने उनकी मां से पूछा कि यहां सब्जियां वगैरह मिलती है तो उनकी मां ने अपने भाई को ताना देते हुए कहा, ‘ मुझे कौन-सा तुम लोगों ने बागों वाले के यहां ब्याहा था जो फल मिलेंगे ‘। बस उसके बाद सुरेश ने यह ठान लिया कि वह अब अपने गांव व अपने परिवार के लिए कुछ करेंगे।
सुरेश ने कई किसानों से खेती के बारे में बातचीत की जिससे उनकी जानकारी फलों और सब्जियों के मामले में काफी बढ़ गयी और फिर उन्होंने 7 एकड़ जमीन खेती में लगा दी। आज उनके बाग में अमरूद, मौसमी, नींबू, आंवला, जामुन, आडू, जामुन, अनार, लीची, सेब, नारंगी सहित 1500 फलों के पौधे लगे हैं। वे कचरे और खरपतवार को खेत में ही गड्ढा करके दबा देते हैं और फिर खाद बनने पर इसे खेतों में मिला देते हैं।
सुरेश ने एक समझदार इंसान की तरह अपने खेतों में अलग- अलग तरह के पेड़ लगाए ताकि उन्हें किसी एक फसल के होने का इन्तेजार उन्हें ना करना पड़े। फलों के साथ उन्हीने सब्जियां भी लगाई हुई है जैसे पत्ता गोभी, लौकी, आलू, गाजर, खीरा, कद्दू, तोरई, टमाटर, भिंडी जैसी सब्जियां शामिल हैं।
सुरेश का मानना है कि आप कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। और पढ़े- लिखे वियक्तिओ को किसानों के साथ मिलकर उनको ज्ञान देना चाहिए ताकि किसानों को भी सही तरह से गाइड किया जा सकें।
Written by – Aakriti Tapraniya
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