Uncategorized

सतयुग दर्शन के ध्यान कक्ष को हरियाणा टूरिजम में किया शामिल,

हरियाणा टूरिज्म के द्वारा फरीदाबाद जिले का एक ओर स्थान को शामिल कर लिया गया है। जोकि शिक्षा के साथ साथ संस्कारों के बारे में भी अवगत करवाते है। जिले के 2014 में इसकी शुरूआत की गई थी।
सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा अपने वसुंधरा परिसर में स्थापित ध्यान कक्ष को स्कूल ऑफ इक्विनिटी और सम दृष्टि कहा जाता है। ध्यान कक्ष की शुरूआत 26 जनवरी 2014 को हुई थी। ध्यान कक्ष की स्थापना स्वर्ण युग अर्थात् सतयुग और मानवता के गौरव का प्रतीक है।

सतयुग दर्शन के ध्यान कक्ष को हरियाणा टूरिजम में किया शामिल,सतयुग दर्शन के ध्यान कक्ष को हरियाणा टूरिजम में किया शामिल,

क्या है ध्यान कक्ष


शांत, निर्मल और प्रदूषण मुक्त परिसर के बीच एक शानदार गुंबद के आकार का स्कूल ऑफ इक्विनिटी बनाया है। जो एक जल निकाय से घिरा हुआ हैं। ध्यान कक्ष का मुख्य द्वार सात अन्य द्वारों से पहले हैं । ये सात द्वार क्रमशः मानवीय गुणों अर्थात संतोष, धीरज, सत्यता, धार्मिकता, समता, निस्वार्थता और परोपकार के प्रतीक हैं।

इन सातों द्वार को पार कर व्यक्ति ध्यान कक्ष में पहुंचता है तो मानो वह एक अलग युग में ही पहुंच जाता है। ध्यान कक्ष की बाह्य परिक्रमा ऐसा आभास कराती है मानो आप दुनिया के चक्कर काटने के बाद किसी अलौकिक केंद्र में जाकर बैठ गए हों। इस केंद्र के ऊपर शीर्ष पर एक संकेत स्थित है जिसे एकता का प्रतिबिंब कहा जाता हैए जो सत्यज्ञान का यज्ञस्थल प्रतीत होता है।

क्या होता है ध्यान कक्ष


ध्यान कक्ष में एक आदर्श मानव की नैतिक विशेषताओं के अनुसार मानसिक रूप से धार्मिक आचरण और नैतिकता के साथ निस्वार्थ भाव से काम करने के योग्य होने के लिए तैयार किया जाता हैं । ताकि उनकी वृत्ति , स्मृति और बुद्धि शुद्ध हो जाए। जिससे कर्म के परिणाम से मुक्त रहे और तीन तप मोक्ष प्राप्त करने के लिए अपना जीवन सार्थक रूप से जी सकें।


इस स्कूल को खोलने का प्राथमिक उद्देश्य आज के कलयुग के व्यक्ति को उनके पापपूर्ण भावनात्मक व्यवहार संबंधी भोग के लिए प्रेरित करना और सतयुग का व्यक्ति बनना है। एक आध्यात्मिक केंद्र लोगों को परमात्मा के गुणों से धनी करे और लौकिक शिक्षा भी प्रदान करे तो उसे सतयुग दर्शन वसुंधरा कहेंगे। संस्था के प्रमुख व्यक्तियों का कहना है कि यहां पर मानव को सात प्रमुख द्वारों अथवा चक्रों से गुजारकर सतयुग तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।

सतयुग दर्शन की फिलॉसफी कहती है


कलुकाल दी छडो सजनो वृत्ति, सतवस्तु दी वृत्ति धारण करो।
सतवस्तु विच सच दी बोलचाल, सतस सत ही उच्चारण करो।।
यहां पर विशाल कीर्ति स्तंभ पृथ्वी, जल, अग्नि और आकाश को प्रलक्षित करते और याद दिलाते हैं कि यह दुनिया और दुनियावी माया के चक्कर में मत पड़ो, हां इसका ज्ञान अवश्य लो कि तुम वास्वत में हो क्या।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 month ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

2 months ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 months ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 months ago