बिटकॉइन पर लग सकती है रोक?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकार ऐसा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए फ्रेमवर्क बनाने के लिए कर रही है. अगर आसान शब्दों में कहें तो भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है.
संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है. बजट सत्र के दौरान ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का बिल लाया जा सकता है.
अगर ये करेंसी बिल पारित हो जाता है, तो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी लेन-देन और करेंसी के तौर पर इस्तेमाल बंद हो जाएगा. इसके अतिरिक्त, क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान सिस्टम से बाहर कर दिया जाएगा. इस बिल के लागू होने के बाद देश में बिटकॉइन सहित सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।
सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई।
आइए जानते है क्रिप्टो करेंसी के नुकसान और इसका उपयोग कानूनन वैध है या अवैध?
पहला, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता। इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है।
इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है। लिहाजा, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। साथ ही साथ इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है।
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करना कानूनी रूप से सही है अथवा नहीं! दरअसल, यह फैसला आपकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक है। यही नहीं, कुछ देशों ने इसे ‘ग्रे जोन’ में रखा है।
2018 में RBI ने लगाया था क्रिप्टो करेंसी पर बैन
क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान क्रिप्टो करेंसी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से लगाए गए बैन को हटाने का आदेश सुनलाया गया है. आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
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