राज्यसभा में आज किसानों के मसले पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि आज कृषि मंत्री ने देश को और सदन को गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने किसान आन्दोलन को कृषि मंत्री द्वारा राजनीतिक रंग देने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि आंदोलन से जुड़े किसानों का इससे बड़ा तिरस्कार नहीं हो सकता। यह गैर राजनीतिक आंदोलन है और इसका नेतृत्व किसान संगठन कर रहे हैं। किसान ही इसका कप्तान है और किसान ही इसका नायक है।
किसान आंदोलन को एक राज्य तक सीमित बताने के कृषि मंत्री के वक्तव्य पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा सारे देश में किसान आंदोलन फैल गया है लेकिन लगता है कृषि मंत्री को इसकी खबर नहीं है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सदन में कृषि मंत्री का जवाब निराशाजनक रहा। सरकार ने किसानों की मांगों को सिरे से नकार दिया। सरकार द्वारा इस आंदोलन को जो अलग-अलग परिभाषाएं दी जा रही हैं, किसानों का उससे बड़ा अपमान देश के किसान का नहीं हो सकता। अगर किसान की आवाज उठाने पर मंत्री नाराज होते हैं तो 100 बार हों, वो अपने फर्ज से पीछे नहीं हटेंगे किसान की आवाज़ को बुलंद करते रहेंगे।
सांसद दीपेंद्र पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठन हों या विपक्ष, कोई भी इन कानूनों की कमियां नहीं बताया पाया। इस पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हम इन कृषि कानूनों को किसानों के नजरिये से पढ़ रहे हैं और आप बड़े धनाढ्यों के नजरिये से पढ़ रहे हैं, इसीलिये आपको इनमें कमी नहीं दिख रही है।
जब कृषि मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट पर तथ्यों के विपरीत बोलना शुरू किया तो दीपेंद्र हुड्डा ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार ने APMC एक्ट में ये प्रावधान किया कि अगर कोई प्राईवेट कंपनी MSP से नीचे खरीद करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई और सजा होगी। उन्होंने कृषि मंत्री को राज्य सभा में चुनौती देते हुए कहा कि सरकार भी अपने कानून में MSP से नीचे खरीद पर कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान करे। दीपेंद्र हुड्डा ने तीखा विरोध करते हुए कहा कि हम यहां सरकार का झूठ नहीं सुनेंगे। कृषि मंत्री को कोई जवाब नहीं सूझा और वो विषय से पल्ला झाड़ते नजर आये।
राज्य सभा में भारी हंगामे और शोर-शराबे के बीच दीपेंद्र हुड्डा ने सदन को बताया हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार ने MSP से नीचे खरीद करने पर कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान किया। इसके अलावा हुड्डा कमेटी ने सिफारिश की थी कि देश में मंडियों का विस्तार हो और मौजूदा 23 से बढ़ाकर और भी फसलों व सब्जियों पर एमएसपी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित में बहुत सारे फैसले लिये और किसान विरोधी 2 काले कानून भी खत्म किये। हरियाणा में कर्जा वसूली के लिये न कोई किसान गिरफ्तार होगा न किसान की जमीन नीलाम होगी। इस बात को हरियाणा का एक-एक किसान जानता है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा आंदोलनकरी किसानों को गद्दार, देशद्रोही कहती है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या भाजपा सरकार 12 दौर की वार्ता गद्दारों से करती रही। उन्होंने सरकार से कहा कि वो अपनी जिद व अहंकार छोड़े और किसानों की मांगे माने।
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