आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि करनी किसी की और भुगते कोई और। ऐसा ही कुछ हरियाणा के नेताओं में देखने को मिल रहा है। जहां केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया कृषि कानून किसानों के लिए गले की फांस बन गया है।
वहीं उक्त मामले में हरियाणा के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक दृश्य शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बाद राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के बीच देखने को मिला।
दरअसल के दोनों राज्यसभा में तीनों कृषि कानून को लेकर आपस में भीड़ गए। एक तरफ नरेंद्र तोमर ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कानूनों के फायदे बताएं तो वही भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम सुनते ही बेटे दीपेंद्र बीच में कूद पड़ें। जिस पर तोमर बोलने लगे कि- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में पढ़कर आना।
तोमर सवाल करते है कि एक राज्य में गलतफहमी का शिकार हैं लोग। एक राज्य का मसला नहीं है। जिस पर जवाब देते दीपेंद्र हुड्डा कहते है एक ही राज्य का मसला है। हरियाणा सरकार का कॉट्रैक्ट फाॅर्मिंग एक्ट उठाइए, वो हुड्डा जी के समय आया था।
हुड्डा बोलते हैं कि उसमें एमएसपी से नीचे फसल खरीदने का कानून ही नहीं। तोमर का जवाब आता है दीपेंद्र भाई, मुझे स्पष्ट करने दीजिए। दीपेंद्र बोल उठते है कि आपने मेरा नाम लिया है। तोमर बोले, मैंने आपका नाम नहीं लिया। दीपेंद्र का सवाल एपीएमसी में संशोधन का एक्ट बना हरियाणा में, लेकिन उसमें यह प्रावधान बना कि अगर एमएसपी से नीचे कोई खरीदेगा तो कानूनी कार्रवाई और सजा होगी। आप भी सजा का प्रावधान कराइए।
तोमर आगे बोले कि दीपेंद्र भाई! आपकी बात आ गई। सवाल इस बात का नहीं है कि उस एक्ट में क्या लिखा है। सवाल है कि कॉन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग एक्ट है या नहीं है। कॉट्रैक्ट फाॅर्मिंग एक्ट कब बना और उसमें किसान गलती करेगा तो उसे जेल में जाना पड़ेगा यह प्रावधान पंजाब के एक्ट में है। केंद्र के एक्ट में किसान कभी भी बाहर हो सकता है। दीपेंद्र बोलते है कि आप झूठ बोलेंगे तो हम सुनेंगे नहीं।
तोमर बोले, दीपेंद्र जी मैं ये एक्ट बता सकता हूं, आपको पंजाब सरकार का। पंजाब के एक्ट में जेल जाने का प्रावधान है और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान भी है। गुलाम नबी आजाद बोलने लगे कि आप हरियाणा की बात कर रहे हैं या किसी और एक्ट की बात कर रहे हैं। मैं पंजाब की बात कर रहा हूं।
आजाद बोलते है कि सॉरी, आप पंजाब की बात कर रहे हैं और ये हरियाणा की बात कर रहे हैं, इसलिए कन्फ्यूजन हो गया था। सांसद भूपेंद्र के उठते है भूपेंद्र हुड्डा की कमेटी की रिपोर्ट थी, जिसमें कहा था कि एपीएमसी समाप्त करो। उस बात का इनकार करेंगे।
दीपेंद्र ने कहा कि मेरी पूरी बात तो सुनिए। तोमर बोले कि देखिए ये कॉन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग एक्ट और ये एक्ट सब हुड्डा जी की रिकमंडेशन के कारण आए हैं। कान खोलकर सुन लो, ये हुड्डा कमेटी की रिपोर्ट के कारण आए हैं। जब दोबारा से कृषि पर बहस हो तब आप पढ़कर आना और बहस करना, मैं जवाब दूंगा।
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