फरीदाबाद प्रशासन कितनी लापरवाही से काम करता आया है इसका उदाहरण सदपुरा चकबंदी रिकॉर्ड गायब मामले से मिलता है। इस घटना को हुए 2 साल से अधिक का समय निकल गया है लेकिन आरोपी कौन है इसका पता अभी तक किसी को नहीं पता लग पाया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने सदपुरा चकबंदी रिकॉर्ड गायब होने की रिपोर्ट मांगी है।
इसके लिए अब जिला उपायुक्त को निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि कौन अधिकारी इस मामले में दोषी है। सदपुरा गांव का गायब चकबंदी रिकॉर्ड अबूझ पहेली बन गया है। अब तक बहुत जांच हो चुकीं, लेकिन रिकॉर्ड का कोई पता नहीं।
इस मामले में सदपुरा निवासी मांगेराम शर्मा ने सीएम विंडो पर शिकायत की थी। मामले में तहसीलदार से लेकर अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान तक जांच कर चुके हैं। किसी भी मामले में जांच यदि 2 साल से चल रही हो और उसका परिणाम शून्य रहा हो तो प्रशासन पर सवाल उठने लाज़मी है। दो जांच में तत्कालीन पटवारी व एक में तत्कालीन कार्यालय कानूनगो को दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हुई।
हमेशा अलग-अलग अधिकारीयों को दोषी माना गया है। जिला उपायुक्त के आदेश पर इसकी जांच जिला राजस्व अधिकारी से कराई जा रही है। जिला प्रशासन किसी नतीजे पर पहुंच ही नहीं पा रहा। डीसी फरीदाबाद ने दो वरिष्ठ अधिकारियों एडीसी व एसडीएम से जांच कराने के बाद अब चौथी जांच जिला राजस्व अधिकारी को सौंप दी है।
जिला राजस्व अधिकारी ने कहा है कि टीम जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। सदपुरा गांव की चकबंदी रिकार्ड गायब होने के मामले में 2 साल होने को हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं लगा है कि किसने यह कांड किया है।
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