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आंखों के आंसू सूख गए पर नहीं मिला इंसाफ, 7 साल से गड्ढे भर रहा इस बच्चे का बाप

10 फरवरी साल 2014 या वह काला दिन था जिस दिन मनोज वाधवा के जीवन का सबसे अनमोल रत्न दुनिया को छोड़ कर चला गया था। जिसके बाद से वह सिर्फ ऐसी कामना करते है कि आने वाले समय में किसी भी परिवार वालों के साथ ऐसा हादसा ना हो।


बुधवार को उसी काले दिन की याद में या फिर यू कहें कि उनके बेटे के साथ जो हुआ है वह ना हो उसको लेकर वह हर साल इस दिन जिले के गढ्ढों को भरते है।

आंखों के आंसू सूख गए पर नहीं मिला इंसाफ, 7 साल से गड्ढे भर रहा इस बच्चे का बाप

मनोज वाधवा ने बताया कि 10 फरवरी 2014 का वह दिन उनके दिलों दिमाग पर ऐसी छाप छोड़ चुका हैं कि आज भी वह जब भी नेशनल हाईवे 2 बाटा मोड़ से गुजरते है तो उनको अपने बेटे पवित्रा की याद आती हैं। उन्होंने बताया कि साल 2014 में वह दुपहिया वाहन पर अपने बेटे पवित्रा व अपनी पत्नी टीना के साथ बल्लभगढ़़ से फरीदाबाद अपने घर लौट रहे थे तभी नेशनल हाईवे 2 पर बाटा मोड़ पे बने बड़े बड़े गड्डों की वजह से उनकी 2 व्हीलर का बैलेंस बिगड़ गया और वह तीनों गिर गए।

जिसके तुरंत बाद मनोज ने अपने बेटे को उठाया तो उसने पाया कि बेटा कुछ नहीं बोल रहा है। इसी दौरान उनकी पत्नी टीना के पैरों के उपर से एक वाहन उनके दोनों पैरों को रौंदता हुआ चला गया। मनोज ने कुछ और राहगीरों की मदद से टीना व पवित्रा को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। जिसके बाद डाॅक्टरों ने कहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। जिसके बाद मानों उनकी जिंदगी खत्म ही हो गई। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की हालत काफी गंभीर होने की वजह से बेटे की मौत के बारे में उनको कुछ नहीं बताया ।

जब वह पूरी तरह से ठीक होकर घर वापिस आई तो उसको बेटे की मृत्यु के बारे में बताया। मनोज ने बताया उस समय वह अपनी पत्नी को संभाल नहीं पा रहे थे। उसके बाद पुलिस के द्वारा हिट एंड रन का केस दर्ज किया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। साल 2016 में मनोज ने हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने माना कि फरीदाबाद पुलिस को सड़क के गड्डों के जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था। अभी कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
इस मोके पर मनोज वाधवा के साथ रेनू खट्टर, रोहित , दिनेश, अरुण, आशुतोष, एस के शर्मा, डॉक्टर सौरभ, बलजीत कौशिक,योगेश धींगड़ा, गौरव धींगड़ा, सतेंद्र दुग्गल, दीपक चैधरी आदि मौजूद रहे।

Avinash Kumar Singh

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