आए दिन आपको सफलता और संघर्ष की कहानी सुनने को मिल ही जाती है। सफलता की कहानी अब बेटों से ही नहीं बल्कि अब बेटियों से भी सुनने को मिलती है। जो हां आज एक बार फिर एक बेटी की सफलता की कहानी आपको सुना देते है जो बेहद भावुक है।
इस कहानी को सुनने को सुनने के बाद हर कोई कोई लड़की के जज्बे को सलाम करेगा। प्रीति की कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिये प्रेरणादायक होगी, जो ये सोचते हैं कि हिन्दी मीडियम से UPSC परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को कामयाबी नहीं मिलती।
दरसअल प्रीति हुड्डा हिंदी माध्यम से पढ़ाई की। वे एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता दिल्ली में डीटीसी बस के ड्राइवर हैं। खास बात यह है कि जब यूपीएससी का रिजल्ट आया और वे उसमें सफल हुईं, उस समय उनके पिता बस चला रहे थे।
प्रीति हुड्डा ने 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्हें 288वीं रैंक मिली। प्रीति हुड्डा हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली हैं। वह एक बहुत ही साधारण परिवार से आती हैं।
प्रीति कहती हैं कि उन्हें पढ़ाई के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरू में उन्होंने यह नहीं सोचा था कि इस सेवा में आऊंगी, पर जैसे ही वे कॉलेज में आईं, उन्होंने आईएएस बनना अपना लक्ष्य तय किया और इसी को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई करने लगीं।
आपको बता दे कि प्रीति ने यूपीएससी परीक्षा हिन्दी में दी और इंटरव्यू में भी उन्होंने हिन्दी भाषा में ही बात क उन्होंने कहा कि आप जिस भाषा में आत्मविश्वास महसूस करते हैं, उसी भाषा में परीक्षा दें और उसी भाषा के साथ इंटरव्यू में शामिल हों।
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