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लॉक डाउन के बाद कैसा होगा जीवन ,क्या पड़ेंगे प्रभाव

कोरोना वायरस के इस भयानक काल ने पूरे संसार में एक ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी हैं। जिससे उबर पाना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। यह परेशानी ना ही इतनी जल्दी खत्म होने वाली है और ना ही कुरौना वायरस हमारी जिंदगी से इतनी जल्दी जाने वाला है, इस बात को कोई झुठला नहीं सकता। क्योंकि आए दिन बढ़ते मामलों के कारण लोगों के मस्तिष्क में यह बात घर कर चुकी है कि यह बीमारी कहीं भी किसी भी रूप में उन्हें अपना शिकार बना सकती है। इसलिए हर वक्त हर व्यक्ति दूसरे इंसान को शक की निगाहों से आकनें लगा है।

लोगों के जहन में हर वक्त यह सवाल उठने लगा है कि जोगिंग करने वालों या गाने गाने वालों से भी संक्रमित हो सकता है क्या? बस की कतार में खड़े किसी शख्स के भी उन्हें खतरा हो सकता है क्या? मुझे रेस्टोरेंट जाना चाहिए नहीं जाना चाहिए? क्या किसी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना उनकी सेहत के लिए उचित होगा या अनुचित होगा?

वैसे तो धीरे-धीरे जिस तरह रेल अपनी पटरी पर वापस लौट रही है। वैसे ही आर्थिक गतिविधियों को शुरू कर पहले जैसा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिंदगी चाहे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही हो लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण लोगों की सोच को इतनी जल्दी सामान्य नहीं होने देगा। सामान्य जिंदगी की ओर लौटने के लिए इंसान को खुद सुरक्षित रहना होगा और अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना होगा।

घर में भी है हम सच में सुरक्षित
घर से बाहर ना निकलने की स्थिति में लॉक डाउन जैसे कदम उठाए गए थे। लेकिन हमें घर में रहकर भी वायरस होगा या नहीं होगा यह चिंता हमेशा सताए जा रही है। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे है कि घर के बाहर तो सुरक्षित नहीं है। लेकिन घर में भी सुरक्षित हैं क्या?

इसलिए हमे समझना होगा कि वायरस को संक्रमित करने के लिए जितना वक्त चाहिए उतने वक्त तक आप उसके संपर्क में खुले वातावरण में नहीं रह सकते क्योंकि वायरस तेजी से निष्प्रभावी हो सकते हैं। इसका मतलब यही कि अगर हम कम समय के लिए संक्रमित लोगों के संपर्क में आते हैं अगर कोई जोगिंग करने वाला व्यक्ति आपके नजदीक से गुजरता है तो इससे आपके संक्रमण पैदा होने के लायक हो जाना मुश्किल है।

क्या हवा में सांस लेने से भी फैल जाएगा कोरोना वायरस के संक्रमण?
एक बार छिक से 50 से 5000 बूंदे निकलती है इनमें से ज्यादातर बूंदों की रफ्तार कम होती है। यह अहम है कि सांसे ताकत के साथ बाहर नहीं निकलती ऐसे में निचले शोषण पर वायरल पार्टिकल बाहर नहीं निकलते। क्योंकि निचले हिस्से में पाए जाने वाले में ही कोरोनावायरस ज्यादा पाया जाता है बाहर निकलते हैं बोलने से रोका जाता है।

ऐसा कौन सा माहौल है जो सबसे ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है

निश्चित तौर पर ऐसे प्रोफेशनल जिसमें लोग सीधे तौर पर भारी संख्या मे काम करना पड़ता है। उनमें संक्रमित होने के आसार होते हैं। ओपन प्लान ऑफिस में होने वाले इवेंट स्पोर्ट्स, ऑफ सोशल इवेंट शौकीन भरे है। यहां तक की कॉल सेंटर जैसी जगहों पर भी लोग 50 फीट की दूरी पर भी हो तो वायरस हो सकता है। जैसे जैसे हम काम पर वापस लौट हैं कुछ प्रोफेशन के लिए खास तौर पर चिंता की बात है ऐसे ओपन प्लान ऑफिस में चलने हवा के आने जाने की वजह बन सकते हैं

इनडोर आउटडोर क्या है सही
खुले वातावरण में संक्रमण के काफी मामले कम देखे गए है। हर जगह वायरल लोड को हटा देते हैं साथ में धूप गर्मी भी वायरस को ज्यादा नहीं रहने देती। सामाजिक दूरी और आपसी मेलजोल की अवधि में कमी से भी जोखिम कम हो सकता। लेकिन प्लीज ओपन मिलजुल काफी जोखिम भरे हो सकते हैं। लोग की बात करने गाने या चिल्लाने या फिर से भरे हुए इसमें भी खतरा हो सकता है। साथ ही सामाजिक दूरी के उपाय भी समय के साथ कर सकते हैं।

Avinash Kumar Singh

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Avinash Kumar Singh
Tags: Faridabad

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