हरियाणा पुलिस ने अगस्त 2015 के बाद से अब तक प्राकृतिक मृत्यु सहित विभिन्न सडक़ दुर्घटनाओं में जान गवांने वाले पुलिस अधिकारियों व जवानों के 661 आश्रित परिवारों को 54 करोड़ 79 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया करवाई है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा, श्री मनोज यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि आश्रित परिवारों को यह मुआवजा राशि बैंक के साथ हुए एक समझौते के तहत दुर्घटना व प्राकृतिक मृत्यु बीमा कवर के तौर पर प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना मृत्यु बीमा कवर के तहत अब तक 163 मामलों का निपटान करते हुए आश्रित परिवारों को 42.30 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है जबकि प्राकृतिक मृत्यु के मामले में 485 आश्रितों को 11.04 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) के 13 मामलों में 1.45 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है।
श्री यादव बताया कि अत्यंत विषम परिस्थितियों में भी कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए चौबीस घंटे डयूटी के मद्देजनर हमारे अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बैंक समझौते की भी समीक्षा की जाती है। राज्य सरकार के परामर्श से पुलिस विभाग द्वारा कर्मियों व परिवार के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं।
पुलिस विभाग द्वारा बीमा कवर की यह सुविधा पुलिसकर्मियों के बीच सुरक्षा की भावना को और अधिक मजबूत बनाती है। अनुबंध के तहत बैंक में सैलरी अकाउंट खोलने पर पुलिस कर्मियों व उनके परिवार के लिए बीमा कवर सहित अन्य विभिन्न तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
उन्होंने बताया कि बैंक के साथ हुए करार में सैलरी अकाउंट खोलने पर एसटीएफ में तैनात पुलिसकर्मी के सेवा के दौरान शहीद होने पर उसके परिवार को 50 लाख रुपये, अन्य पुलिस कर्मियों को दुर्घटना मृत्यु कवर के तहत 30 लाख रुपये तथा प्राकृतिक मृत्यु होने पर 2 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
एसपीओ को दुर्घटना मृत्यु बीमा कवर के तहत 15 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, दुर्घटना में घायल पुलिसकर्मियों को दी जा रही सुविधा के तहत स्थायी विकलांगता होने पर 30 लाख रुपये का मुआवजा और आंशिक विकलांगता की स्थिति में पांच लाख रुपये की राशि बैंक द्वारा प्रदान की जाती है। साथ ही, दंगो या अन्य कार्य में जान गंवाने वाले पुलिस जवानों के बच्चों को पढ़ाई के लिए चार साल तक अधिकतम एक लाख रुपये सालाना राशि स्कूल शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में प्रदान की जाती है जिसकी अधिकतम सीमा चार लाख रुपये है।
एक और कल्याणकारी पहल करते हुए हरियाणा पुलिस ने अपने पेंशनरों को भी दुर्घटना बीमा मृत्यु कवर से जोड़ा है। जिसके तहत 70 वर्ष की आयु तक 30 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि बैंक के माध्यम से कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए हरियाणा पुलिस और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच अगस्त 2015 में एमओयू किया गया था।
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