इस बात को तो हर कोई वाकिफ़ होगा की सड़कों पर घूम रहे जानवरों को लोग अक्सर पत्थर से यह कभी गाड़ियों से कुचलते हुए निकाल जाते है। उनकी भी एक ज़िन्दगी है जो बहुत ही छोटी है और उस ज़िन्दगी को भी लोग अपनी गाड़ियों के नीचे रौंदते हुए चले जाते है। ऐसे में बेघर व बेजुबां जानवर जाये तो जाये कहाँ?
एक तरफ़ लोग है जो जानवरों को परेशान करते है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उनकी मदद करते है और उन्हें बड़े ही प्यार से अपने पालते हैं। ऐसी ही एक वीगॉन जिनका नाम अनिता विमल है। वह एक वीगॉन होने के साथ साथ जानवरों से बहुत प्यार करती है और खुद बहुत से जानवरों को की देख- रेख करती है।
अनिता बताती है की एक वक़्त था जब उन्हें जानवरों से ज़्यादा लगाव नही था। उस वक़्त वह जानवरों को हाथ तक नही लगाती थी। लेकिन जब खरगोश उनके घर एक पेट बनकर आया उसके बाद वह खुद को उससे दूर नही कर पाई और तभी से उनको जानवरों से लगाव हो गया।
अनिता बताती है कि उन्होनें बहुत से जानवरों को अभी तक रेस्क्यू किया है लेकिन सबसे ज़्यादा परेशानी उन्हें एक खरोश को रेस्क्यू करने में लगी क्युकी उस खरगोश को बचने के लिये उन्हें वह खरीदना पड़ा जो की उनके लिए किसी पाप से कम नही होता।
वह खरगोश मरी हालत में था। और उसको बचना थोड़ा मुश्किल था क्युकी वहां के लोग बिना पैसों के किसी भी जानवर को हाथ तक नही लगने देते है और इसिलिए उन्हें खरगोश खरीदना पड़ा। आज अनिता के पास 60 खरगोश है जिनकी देखभाल वह अभी भी कर रही है।अनिता ने खरगोश के अलावा साप, गाय, कुत्ते व अन्य जानवरो को रेस्क्यू किया है।
Written by: Isha singh
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