बढ़ते हुए प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एनजीटी की ओर से अक्तूबर माह में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया गया था। जिसके चलते अब औद्योगिक संगठनों ने कहा कि सरकार अगर उद्योगों को नियमित रूप से 24 घंटे बिजली सप्लाई दे
तो उन्हें जनरेटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल, वैसे तो जिले में करीब 28 हजार उद्योग है, जिनमे से कई उद्योग बिजली जाने पर डीजल जनरेटर से चलते हैं। ग्रेप लागू होने के बाद हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से इन पर रोक लगा दी गई थी।
अब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू के दौरान डीजल जनरेटरों पर लगी रोक हटा दी गई है। इससे उद्योगों को काफी राहत मिली।
क्योंकि ग्रेप के चलते उद्योगों में उत्पादन क्षमता पर काफी असर पड़ रहा था। साथ ही डीजल की जगह उन्हें सीएनजी और पीएनजी का सहारा लेना पड़ा। इससे उन पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया था।
एनजीटी ने प्रदूषण में सुधार को देखते हुए डीजल जनरेटरों पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। इससे उद्योगों और उद्यमियों में राहत की सांस लेते हुए देखी जा सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी स्मिता कनोडिया एनजीटी की ओर से ग्रेप को हटा दिया गया है। डीजल जनरेटरों पर लगी रोक को हटाने से उद्योग जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जनहित को देखते हुए हैं यह निर्णय लिया गया था और अब जब वातावरण में परिवर्तन देखने को मिला तो इसलिए पाबंदियों को हटा दिया गया है।
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