हौसलों में जान और खुद पर यकीन हो अगर तो सदियों तक इस दुनिया से नेक कामों के लिए लड़ा जा सकता है। हार ना मानने की लत और समाज के लिए कुछ करने की चाह सबकुछ संभव बना देती है। ऐसी ही कहानी है हरियाणा के रामचंद्र आर्य की। जिन्होनें ने 18 साल, 2 महीने और 10 दिन तक लड़ाई लड़ी। सड़क बनवाने के लिए।
इतने सालों में काफी सरकारें आई और गई लेकिन उनका हौसला कभी नहीं गया। दरअसल, जींद जिले की दक्षिण हरियाणा से सीधी और मजबूत कनेक्टिविटी के लिए राजा की गोहर वाली सड़क को बनवाने की खातिर शामलो कलां तीन तपा के प्रधान रामचंद्र आर्य ने 18 साल, 2 महीने और 10 दिन तक लड़ाई लड़ी है।
ताने मारना लोगों का काम है। इनको भी काफी लोगों ने ताने मारे कि सुनता ही कौन है तुम्हारी वगेरा – वगेरा। लेकिन अगर मान लो तो हार और ठान लो तो जीत है। जब ठान कर किसी काम में जुटा जाए तो सफलता हर हाल में मिलती है। बेशक इसमें समय लग सकता है लेकिन जीत जरूर हासिल हो जाती है। अब सड़क निर्माण को लेकर टेंडर लग चुका है।
जिन लोगों ने पहले ताने मारे थे, आज वही उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। उनके साथ खड़े हैं। अब इस सड़क निर्माण से पहले 10384 पेड़ हटाए जाएंगे। राजा की गोहर की जगह पक्की सड़क बनने से जींद शहर से महम, कलानौर, चरखी दादरी सहित दक्षिण हरियाणा के दूसरे जिलों में जाना और आसान हो जाएगा।
बेशक 18 साल काफी ज़्यादा समय होता है किसी सड़क निर्माण को बनवाने के लिए लेकिन हमेशा आपको ऐसा बनना चाहिए जो आपसे प्रेरणा ले सकें। सफलता उनको मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। इसी बात को चरितार्थ करते हैं प्रधान रामचंद्र आर्य।
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