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किसान आंदोलन: उतने ही मजबूत होंगे बॉर्डर पर मकान जितनी किसानों की इच्छाशक्ति

फरीदाबाद : कृषि कानूनों को रद्द करने के विरोध में 112 दिनों से धरने पर बैठे किसान हार मानने को तैयार नहीं है। ना सरकार इनकी बात मान रही है और ना ही किसान अपनी जिद छोड़ने को राज़ी है तमाम सर्दी टीन के घरों में काटने के बाद अब प्रदर्शन वाले स्थान पर पक्के घर बनने शुरू हो गए हैं ।

हालांकि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि प्रदर्शन वाले स्थान पर किसानों के द्वारा बनाए जा रहे पक्के मकानों को हरियाणा पुलिस ने रोक दिया था साथ ही किसानों का यह भी कहना था कि आंदोलन वाली जगह पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।

सोनीपत के जीटी रोड पर किसानों ने ईंट गारे से पक्के निर्माण करने शुरू कर दिए हैं सिंधु बॉर्डर पर धरने वाली जगह से कुछ ही दूरी पर इन घरों को देखा जा सकता है साथ ही बता दें कि जब से गर्मियां शुरू हुई है तब से किसान और ज्यादा अपने आप को लेकर सचेत और सतर्क हो गए हैं ।

किसान आंदोलन: उतने ही मजबूत होंगे बॉर्डर पर मकान जितनी किसानों की इच्छाशक्ति

वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि आंदोलन में रहते हुए भी वह अपने आप को सुरक्षित रख सके इसीलिए उन्होंने अब यहां पर कच्चे और घास फूस की झोपड़ी और तंबुओं की जगह अपने पक्के मकान बनाने शुरू कर दिए हैं।

पंजाब के होशियारपुर से अपने जत्थे का नेतृत्व करते हुए मनजीत सिंह ने कहा कि कि ” मैं यहां से जब तक नहीं जाऊंगा जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होंगे साथ ही मेरे दो बेटे हैं जिनमें से एक बाहर पढ़ता है और दूसरा यही मेरे साथ है बात अगर किसानी बात की जाए तो मेरे पास 70 किले जमीन है ” इन कानूनों से मुझे अच्छा खासा घाटा हो सकता है

वहीं सरकार को झूठी सरकार बताते हुए कहा कि बीजेपी वाले जो भी कार्यकर्ता , प्रतिनिधि हो या सरकार में मौजूदा कोई भी व्यक्ति हैं वह सभी लोगों को आपसी लड़ाई में अपनी भूमिका दर्ज कराते हैं यह अंग्रेजो के डिवाइड एंड रूल पर चल रहे हैं।

भाजपा का काम है बार बार झूठ बोलना और फिर लोगो को उस पर यकीन कराना, यानी जो जितना बड़ा झूठा वो उतना बड़ा बीजेपी का नेता इस नीति पर बीजेपी कार्य कर रही है

किसान नेताओं ने इस बात का दावा किया था कि गर्मियों के तेज होने से पहले यहां पर 1000 से 2000 घर बना लिए जाएंगे साथ ही उनका कहना था कि हम बॉर्डर पर उतने ही मजबूत घर बनाएंगे जितने मजबूत किसान भाइयों की इच्छाशक्ति हैं हमें भरोसा है कि सरकार को एक दिन अपने यह कानून वापस देने पड़ेंगे

किसान इस समय लंबी लड़ाई लड़ने के लिए भी पूरी सुविधाओं का ख्याल रखरहे है इन घरों में कूलरओं का भी इंतजाम करेंगे कुछ समय पहले इन लोगों ने शौचालय और लाइट का भी अच्छा प्रबंध किया था किसान संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि गर्मी से बचने के लिए हम पक्के मकान बना रहे हैं प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग महिलाओं के लिए उनके घरों में ऐसी लगवाए जाएंगे।

लेकिन अभी भी हाईवे पर बैठे सभी किसानों की वजह से आने जाने वाले लोगों को उतनी ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है यदि किसी को दिल्ली की तरफ आना पड़े तो आज भी वह गांव की तरफ से घूम कर दिल्ली की ओर रुख करता है साथ ही इस किसान आंदोलन से आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है

Avinash Kumar Singh

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