फरीदाबाद नगर निगम पिछले कुछ महीनों से चर्चाओं में बना हुआ है। कभी किसी वजह से तो कभी किसी। निगम की कार्यशैली को लेकर भी काफी बार सवाल उठ चुके हैं। लेकिन बात करें तो, एक तरफ नगर निगम कमजोर आर्थिक स्थिति का रोना रोता है, ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में करीब सवा साल से नगर निगम का सीवर-पानी के शुल्क की वसूली पर ध्यान नहीं है।
इस काम से करोड़ों की कमाई नगर निगम की होनी है। अधिकारियों का ध्यान शायद होनी कमाई पर है सरकार की कमाई पर नहीं। बही-खाते से कंप्यूटर में रिकॉर्ड फीड करने का काम भी धीमी गति से चल रहा है।
यह काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि ऊंट की रफ़्तार भी नगर निगम के अधिकारीयों को रेस में पराजित कर दे। लेकिन अधिकारीयों की नींद अभी भी नहीं उठी है। एमसीएफ ने फरीदाबाद की जनता से सीवर-पानी के शुल्क के करीब 37 करोड़ रुपये लेने हैं। ऑनलाइन डाटा पूरा न होने के चलते न तो नगर निगम बकाया वसूली कर पा रहा है और न ही सीवर-पानी के नए कनेक्शन दिए जा रहे हैं।
नगर निगम के अधिकारी अपने बारे में सोचते हैं शायद इसलिए सरकार की करोड़ों की कमाई का ध्यान नहीं है उन्हें। होगा भी क्यों, जब लाखों रूपए उनको बैठने के मिल रहे हैं। नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार सीवर-पानी के करीब 2.40 लाख वैध कनेक्शन हैं। निगम के अनुसार शहर में सीवर-पानी के पांच लाख से अधिक कनेक्शन हैं।
किसी भी प्रदेश का जिला तब ऊचाँइयाँ छूता है जब सरकारी अधिकारी तत्परता से और ईमानदारी से काम करता है। सवा साल से यह टैक्स निगम ने नहीं लिया है। अधिकारीयों की गंभीरता इसी से पता चलती है।
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