इस समय सारा विश्व प्राकृतिक आपदाओं से लड़ रहा है। ऐसे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 21 मार्च को धरती के पास से एक बड़े उल्कापिंड के गुजरने की जानकारी दी है। हालांकि पृथ्वी से इसके टकराने का कोई खतरा नहीं है। चमोली में प्रकृति ने तबाही मचाई हुई हैं। चमोली में ग्लेशियर फटने से जबरदस्त बाढ़ आई और सैकड़ों लोगों जान-माल का नुकसान हुआ है।
विश्व का कोई भी कोना प्रकृति की आपदाओं से अछूता नहीं है। ऐसे में उल्कापिंड के गुजरने की जानकारी ने तनाव बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों ने इस साल के सबसे बड़े क्षुद्रग्रह यानी कि एस्टेरॉयड को लेकर चेतावनी दी है।
कहा जाता है कर्मा खुद को दोहराता है। प्रकृति के साथ जो इंसानों ने किया शायद वही अब इंसानों के साथ हो रहा है। नासा ने रिपोर्ट में कहा है कि ये एस्टेरॉयड पृथ्वी के बिलकुल करीब आने के लिए तैयार है। नासा के अनुसार ये एस्टेरॉयड अब तक का सबसे बड़ा एस्टेरॉयड है। 21 मार्च को ये बेहद विशालकाय एस्ट्रेनाइट पृथ्वी के सबसे करीब गुजरेगा ।
उल्कापिंडों का विज्ञान की दृष्टि से महत्व बहुत अधिक है। इस मामले में खबर है कि यह स्पेस रॉक करीब 34.4 किलोमीटर प्रति सेकंड या 123,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सोलर सिस्टम से गुजरने वाला है। यह एस्टेरॉयड 5.3 लुनार डिस्टेंस से हमारी पृथ्वी के पास होकर जाएगा। नासा ने कहा है कि अब तक के सबसे बड़े क्षुद्रग्रह 2001 F032 को 23 मार्च, 2001 में खोज की गई थी।
प्रकृति को इंसानों ने बहुत कष्ट दिया है। उसका बदला अब शायद प्रकृति धीरे – धीरे ले रही है। महामारी उसका एक आइना है शायद। प्रकृति को ठेस पहुंचाने से पहले हमें समझना होगा कि हम खुद को ठेस पंहुचा रहे हैं।
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