शांतिदूतों के सबसे लोकप्रिय नेता असदुद्दीन ओवैसी अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाते हैं। इनके भाषणों में कड़वाहट के अलावा कुछ आपको नहीं दिखाई देगा। अब इन्होनें ऐसा बयान दिया कि जिसका कोई तुक नहीं था। दरअसल, गुरुग्राम में अब हर मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहेंगी। गुरुग्राम नगर निगम के इस फैसले पर ओवैसी ने पलटवार किया है।
हर मौके पर यह अपनी राजनीति चमकाने की फिराक में रहते हैं। इनके बयान से काफी राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि मीट लाखों भारतीयों का खाना है और इसे किसी अशुद्ध सामान की तरह नहीं देखा जा सकता है।
भारत में बसे कुछ शांतिदूत के व्यंजनों को शुद्ध नहीं कहा जा सकता। सनातन धर्म इसकी अनुमति नहीं देता है। आपको बता दें, कुछ दिनों पहले एमसीजी की हुई सामान्य बैठक में यह फैसला लिया गया कि मंगलवार को शहर में सभी मीट की दुकानें बंद रहेंगी। यह बैठक के एजेंडे का हिस्सा नहीं था लेकिन कथित तौर पर कुछ पार्षदों की ओर से हिंदू भावनाओं के आहत होने का हवाला दिए जाने के बाद यह फैसला लिया गया।
मीट को शुद्ध बताने वाले ओवैसी को शायद सनातन धर्म का ज्ञान लेने की ज़रूरत है। शांतिदूतों ने काफी घाव दिए हैं। इंसानों के साथ – साथ जानवरों को भी यह लोग नहीं बख्शते। एमसीजी के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया कि कोई भी शख्स अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहा है, इस पर किसी की धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं।
मंगलवार के दिन जहां काफी लोग अंडा तक नहीं खाते, प्याज़ को हाथ नहीं लगाते, ऐसे में ओवैसी बोल रहे हैं कि धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं। गलती उनकी नहीं शायद उनके धर्म की हैं। औवेसी ने आगे कहा कि इस तर्क के आधार पर शुक्रवार को शराब की दुकानें बंद होनी चाहिए।
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