बचपन में हमेशा से बच्चा सुनता आता है कि इस पृथ्वी पर एक ऐसा भी कीड़ा है जो रात में चमकता है। उसकी चमक अलौकिक होती है। रात के समय पेड़-पौधों के झुरमुट के आसपास चमकते हुए जुगनुओं को तो आपने देखा ही होगा। जुगनू के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे। जुगनुओं के चमकने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य अपने साथी को आकर्षित करना, अपने लिए भोजन तलाशना होता है।
बदलते ज़माने में इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है। शहरों में यह दिखना बंद हो गए हैं। हालांकि जुगनू आजकल शहरों में कम ही दिखते हैं। इन्हें ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में देखा जा सकता है।
जैसे – जैसे समय बीत रहा है, हमारे आस – पास से काफी कुछ बदल रहा है। और यही कारण है कि अब गांवों में भी जुगनू धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। आपने कभी ये सोचा है कि जुगनू रात में क्यों चमकते हैं? दरअसल, जुगनुओं के चमकने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य अपने साथी यानी मादा जुगनुओं को आकर्षित करना और अपने लिए भोजन तलाशना होता है।
छोटा बच्चा इन्हें चमकते हुए देख प्रफुलित हो जाता है। इसे देखने की ज़िद्द करता है। चमकते हुए काफी खूबसूरत दिखाई देते हैं ये। जुगनूओं की चमक तीन तरह के रंग की होती है- हरा, पीला और लाल। मादा जुगनू जंगलों में पेड़ों की छाल में अपने अंडे देती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जुगनूओं के अंडे भी चमकते हैं।
बहुत से ऐसे जानवर हैं जो पहले शहरों में अपना वास करते थे। अब तो जानवर छोड़िये, पक्षी भी गायब होते जा रहे हैं। लॉकडाउन के समय कुछ ख़बरें आई थी कि जानवर सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जैसे ही मानव नाम का जीव बाहर निकला वो जानवर अंदर घुस गए।
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