रूम को लेकर जूनियर और सीनियर के बीच हुआ युद्ध, परिजनों को दी वार्निंग

कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं लेकिन अगर वही डॉक्टर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान गुंडागर्दी पर उतर आते हैं तो उनको भगवान का दर्जा कैसे दिया जा सकता है। फरीदाबाद जिले में एकमात्र मेडिकल कॉलेज है। जहां पर हर साल 100 के करीब स्टूडेंड डॉक्टर बन के निकलते हैं।

लेकिन वही स्टूडेंट कॉलेज लाइफ में कुछ ऐसा कर जाते हैं। जिसके लिए उनके परिजनों को बुलाकर उनको चेतावनी दी जाती है।

रूम को लेकर जूनियर और सीनियर के बीच हुआ युद्ध, परिजनों को दी वार्निंग

एनआईटी तीन नंबर चौकी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर साल 100 स्टूडेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते हैं। उनके लिए कॉलेज में रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा भी रखी हुई है।

लेकिन हॉस्टल में रूम की संख्या कम होने की वजह से फाइनल ईयर के स्टूडेंट को सिंगल रूम दिया जाता है। लेकिन इस बार जिन फाइनल स्टूडेंट की अच्छी मैरिट हैं। उनको ऑप्शन दिया गया है कि या तो वह सिंगल रूम ले या अपने किसी साथी के साथ रूम को शेयर करें।

इसको लेकर स्टूडेंट ने अपनी अपनी राय रजिस्ट्रार को दी। लेकिन हर साल स्टूडेंट्स को अपना रूम चेंज करना होता है। इस बार जो फाइनल ईयर के स्टूडेंट और जो थर्ड ईयर के स्टूडेंट है। उनके बीच में एक रूम को लेकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद दोनों स्टूडेंट के बीच में काफी हाथापाई भी हुई और कुछ स्टूडेंट इस दौरान घायल भी हुए।

जिसके बाद यह मामला मेडिकल कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे के पास पहुंचा। जहां पर उन्होंने इस मामले की जानकारी एनआईटी नंबर चौकी के इंचार्ज सोहन पाल को दी। जिसके बाद पुलिस ने सभी स्टूडेंट के परिजनों को बुलाया। परिजनों ने उनको आश्वासन दिया कि आने वाले भविष्य में उनके बच्चों के द्वारा अगर इस प्रकार की कोई भी शिकायत मिलती है।

तो वह कोई भी कार्यवाही कर सकते हैं। सब इंस्पेक्टर सोहन पाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट के एग्जाम चल रहे हैं। जिसकी वजह से स्टूडेंट पर किसी प्रकार का कोई बुरा असर ना हो। इसीलिए उन्होंने कोई केस दर्ज नहीं करा है।

लेकिन उनके परिजनों को बुलाकर पूरे केस के बारे में उनको अवगत कराया है और उनके परिजनों ने आश्वासन दिया है कि आने वाले भविष्य में उनके बच्चों के द्वारा किसी प्रकार की कोई परेशानी कॉलेज प्रशासन को देखने को नहीं मिलेगी।

कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे का कहना है कि हर साल सीनियर स्टूडेंट को रूम चेंज करना होता है। क्योंकि जो नए स्टूडेंट आते हैं उनको अलग से एक होस्टल प्रोवाइड किया जाता है। जिसमें सिर्फ जूनियर ही रहते हैं। लेकिन इस बार जूनियर और सीनियर के बीच में जो मामला हुआ है।

उसको लेकर सभी स्टूडेंट्स को वार्निंग दे दी है और साथ ही उनके परिजनों को भी बता दिया है कि अगर वह भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा से करते हैं। तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

Avinash Kumar Singh

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