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कई मेंस्ट्रीम न्यूज चैनल और अखबार धड़ल्ले से चला रहे फेक न्यूज, फैक्ट चैक में खुली पोल

कोरोना महामारी के संकट काल में जितनी तेजी से यह वायरस फैल रहा है उतनी ही तेजी से फैल रही है अफवाहें एवं फेक न्यूज जो इस महामारी के दौर में लोगो को भ्रमित करने का कार्य कर रही है। इसलिए इस समय जितनी गम्भीर समस्या कोरोना है उतनी ही गंभीर समस्या है फेक न्यूज एवं झूठी अफवाहें भी है।

पहले आरोप लगाया जाता था कि फेक न्यूज फैलाने का कार्य केवल सोशल मीडिया पर बने पोर्टल द्वारा किया जाता है एवं सोशल मीडिया के जरिए ही अधिकतर फेक न्यूज और अफवाहों को बढ़ावा मिलता है। लेकिन अभी हाल ही में कोरोना संकट काल में कुछ ऐसे मामले सामने आए है जिनमे पाया गया कि बड़े बड़े अखबार और मीडिया चैनल खुद बिना जांचे परखे बगैर खबरों की पुष्टि किए फेक न्यूज फैला रहे है। जिनको बाद में केंद्र सरकार द्वारा खंडित किया जा रहा है।

कई मेंस्ट्रीम न्यूज चैनल और अखबार धड़ल्ले से चला रहे फेक न्यूज, फैक्ट चैक में खुली पोल

बात करे अभी हाल में पकड़े गए मैंस्ट्रीम मीडिया के फेक न्यूज एजेंडा की तो कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय अख़बार भास्कर द्वार अपने अखबार के फ्रंट पेज पर छापा गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर भेजे जा रहे मजदूर 2 दिन के बजाय 9 दिन में घर पहुंचे और खाना पीने की कमी के कारण भूक प्यास से रास्ते में ही 1 दिन में 7 लोगो ने दम तोड़ दिया।

लेकिन जब पीआईबी फैक्ट चैक द्वारा इस न्यूज़ का फैक्ट चेक किया गया तो पाया गया कि यह न्यूज सरासर ग़लत है और इस न्यूज़ को छापकर एक राष्ट्रीय अखबार लोगो को भ्रमित करने का कार्य कर रहा है।

वही इसी फेक न्यूज को एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार जिनको लाखो लोगो फॉलो करते है उन्होंने भी इसी फेक न्यूज को रफ्तार देने का काम किया और अपने फेसबुक पेज पर जोरो शोरों से इस खबर को चलाया और भारतीय रेलवे व्यवस्था के प्रति दुष्प्रचार कर लोगो को भ्रमित करने का काम किया।

यही नहीं कुछ अन्य न्यूज चैनल भी बिना जांच परख के बगैर खबरों की पुष्टि किए टीआरपी की होड़ में धड़ल्ले से फेक न्यूज का प्रसारण कर रहे हैं। जिसके चलते देखने को मिला की इंडिया न्यूज़ चैनल द्वारा खबर चलाई गई की गृह मंत्रालय ने सभी राज्यो को स्कूल खोलने के ऑर्डर दे दिए है। जिसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के सचिव को चिट्ठी लिखकर सूचना दी गई है।

लेकिन इस फेक न्यूज के प्रसारण के बाद गृह मंत्रालय को खुद फैक्ट चैक के लिए आगे आना पड़ा और उन्होंने इंडिया न्यूज नामक चैनल द्वारा चलाई जा रही फेक न्यूज को ग़लत बताते हुए सूचना दी की उनके द्वारा स्कूल खोलने के लिए कोई सूचना अभी जारी नहीं की गई है।

वर्तमान में भारत एक गंभीर महमारी के दौर से गुजर रहा है और सैकड़ों संक्रमित के साथ साथ कई बड़ी समस्याएं देश के सामने आ रही है जिसको नियंत्रण में करने के लिए सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है।

ऐसी में मैंस्ट्रेम मीडिया चैनल जो अक्सर सोशल मीडिया न्यूज पोर्टल पर फेक न्यूज का आरोप लगाते आ रहे है उनके द्वारा इस प्रकार की फेक न्यूज का प्रसारण कितना घातक हो सकता है इसका अंदाजा हम सभी को है।

इसलिए किसी भी न्यूज चैनल एवं खबरों के अन्य माध्यम को फॉलो करने वाले दर्शकों एवं पाठको को भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे किसी भी फेक न्यूज को बढ़ावा देकर लोगो को भ्रमित करने का पत्र स्वयं ना बने।

Avinash Kumar Singh

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