Categories: Faridabad

अपाहिज मामा को लेकर 1350 कि. मी दूर अपने गांव पहुंचा बबलू ये कहकर रो पड़ा

जिन उद्देश्यों से सरकार द्वारा लॉक डाउन के दौरान गरीबों की मदद के लिए योजनाओ को लागू किया जा रहा है, जमीनी स्तर पर कार्य पुख्ता न होने के कारण इन योजनाओं का उद्देश्य बिल्कुल भी पूरा नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते मुसीबत का सामना कर रहे गरीबी की रोज नई कहानी एवं नहीं तस्वीरे सामने आ रही है।

अभी हाल ही में आपने हरियाणा के गुरुग्राम जिले से जख्मी पिता को साइकिल पर लेकर 1200 किलोमीटर का सफर तय कर बिहार के दरभंगा जिले में अपने घर पहुंची बिहार की बेटी ज्योति कुमारी के बारे में सुना होगा।

इसी प्रकार एक दिव्यांग मामा एवं भांजे कि दुखद कहानी फरीदाबाद से भी सामने आई है। यह कहानी बिहार के गया जिले के गांव टोला थारी झारी निवासी 22 वर्षीय बबलू कुमार एवं उसके दिव्यांग मामा सतेंद्र की है जो फरीदाबाद में बल्लभगढ़ स्थित रघुवीर कॉलोनी में किराए पर रहते थे।

अपाहिज मामा को लेकर 1350 कि. मी दूर अपने गांव पहुंचा बबलू ये कहकर रो पड़ा

बबलू अपने किराए के मकान के पास ही में स्थित एक वर्कशॉप में नौकरी करता था और उसके दिव्यांग मामा सतेंद्र मलेरना रोड पर रहते थे जो किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। लॉक डाउन की घोषणा होने के बाद बबलू एवं मामा सतेंद्र दोनो ही कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे थे। लेकिन जैसी तैसे जिला प्रशासन की तरफ से मिल रहे राशन से अपना गुजारा चला रहे थे।

लेकिन बबलू को जब प्रशासन से मिलने वाला राशन प्राप्त होना बंद हो गया तो उसने परेशान होकर बचे हुए पैसे से एक पुरानी साइकिल खरीदी और अपने दिव्यांग मामा सतेंद्र को लेकर 8 दिन का सफर तय कर 1350 किलोमीटर दूर अपने बिहार के गया जिले में स्थिति अपनें गांव पहुंचा।

इस सफर के दौरान रास्ते में कई जगह बबलू को रोका गया कई जगह उसे पुलिस के डंडे भी खाने पड़े। बबलू एवं उसके मामा को दो दिन तक भूखा भी रहना पड़ा। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपना सफर जारी रखा। 

बबलू अपने मामा को लेकर 24 अप्रैल की सुबह 4 बजे फरीदाबाद से निकला था और 1 मई को अपने गांव पहुंचा था। बबलू ने बताया वह प्रति दिन में करीब 170 किलोमीटर की दूरी तय करते था तब जाकर 8 दिन तक वह अपने घर पहुंच सका।

बबलू के अनुसार वह मामा काे लेकर पलवल, आगरा, कानपुर, इलाहाबाद, बनारस, सासाराम होते हुए गया पहुंचे। सड़क पर चलने के दौरान कोसीकलां, आगरा और इलाहाबाद में पुलिस वालों ने डंडे भी मारे।

बबलू का कहना है कि हालात सामान्य होने के बाद वह फिर फरीदाबाद आयेगे और पूरे जोश के साथ काम करेंगे, लेकिन लॉकडाउन ने जो दर्द उन्हें दिया है उसे वह जीवनभर नहीं भूलेंगे।

इस पूरे ममले में आश्चर्यजनक बात ये रही कि बबलू ने बताया जबतक वह फरीदाबाद में रहा उसे खाने की कमी पड़ती रही लेकिन जब वह घर पहुंचा तो करीब 8 दिन बाद उसके पास जिला प्रशासन की तरफ से खाना उपलब्ध करवाने के लिए फोन आता है जिसे सुनकर उसकी आंखो में आंसू आ गए और उसका लॉक डाउन का दर्द छलक गया।

ये घटना केवल एक बबलू और उसके मामा स्तेंद्र की नहीं है बल्कि लॉक डाउन के बीते 2 महीनों में कई ऐसे लोगो को उस दौर से गुजरना पड़ा जिसकी कल्पना मात्र से ही कोई भी कांप जाए और इन सब में कहीं न कहीं भूमिका प्रशासन एवं उन लोगो की भी रही है जिन्होंने सरकार की नीतियों को लागू करने का जिम्मा दिया गया था।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

2 days ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago

काॅलोनियों के विकास की फाइल दबा कर बैठ गई भाजपा सरकार: NIT 86 कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा

रविवार को एनआईटी से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने जवाहर काॅलोनी डबुआ काॅलोनी मेन रोड…

2 months ago

चुनाव में वोट काटने वालों से रहें सावधान: नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा का गांव फतेपुर तगा पहुंचने…

2 months ago