अप्रैल के महीने में हैं कई प्रमुख व्रत त्योहार, जानिए हर पर्व की तिथि और महत्व

भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। देश में हर दिन कोई न कोई खास दिन की मान्यता मानी जाती है। अप्रैल का महीना शुरू हो गया है। इस महीने में कई बड़े त्योहार और व्रत आने वाले हैं। इस माह में चैत्र नवरात्रि, शीतली अष्टमी, वैसाखी समेत कई व्रत त्योहार आएंगे। चैत्र माह हिंदू धर्म के लिए काफी खास होता है क्योंकि इस माह नवरात्र और राम नवमी पड़ती है।

हिन्दू धर्म में हर माह त्योहार मनाये जाते हैं। एकादशी का व्रत रखा जाता है। काफी लोगों को इन त्योहारों की जानकारी नहीं होती है। इन व्रत-त्‍योहारों की पूरी लिस्‍ट हम यहां दे रहे हैं। इसे आप अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं।

अप्रैल के महीने में हैं कई प्रमुख व्रत त्योहार, जानिए हर पर्व की तिथि और महत्व

2 अप्रैल: रंग पंचमी – देश में होली धूम – धाम से मनाई गई है। अब होली के बाद रंगपंचमी का इंतजार हो रहा है। इस दिन रंग को शरीर पर लगाकर नहीं बल्कि हवा में उड़ाकर त्योहार मनाया जाता है।

4 अप्रैल: शीतला अष्टमी – सनातन धर्म में हर साल होली के आठवें दिन यानि चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। मां दुर्गा के अनेक रूपों में से एक है मां शीतला का रूप जिन्हें बीमारियां दूर करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है।

7 अप्रैल: पापमोचिनी एकादशी – इस एकादशी का इंतज़ार श्रद्धालु बहुत करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचिनी एकादशी को पापों का नाश करने वाली माना जाता है। पुराणों के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पाप मोचिनी एकादशी कहा जाता है।

9 अप्रैल: प्रदोष व्रत – हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है और इस दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 9 अप्रैल को है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष का व्रत हर प्रकार के दोष को मिटा देता है।

10 अप्रैल: मासिक शिवरात्रि – मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि के अलावा हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।

12 अप्रैल: सोमवती अमावस्या– अमावस्या तिथि जब सोमवार को पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन हरिद्वार कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी है।

13 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना, नवसंवत्सर – चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसी दिन कलश या घट की स्थापना की जाती है और हर दिन 9 दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है।

14 अप्रैल: वैसाखी – इस पर्व का इंतज़ार देश समेत विदेश के लोगों को भी होता है। इसी पर्व को विषुवत संक्रांति भी कहा जाता है। फसल कटने के बाद नए साल के आगमन के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है। इस दिन कुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा।

16 अप्रैल: विनायक चतुर्थी – शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। यह दिन प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश को समर्पित है।

21 अप्रैल: राम नवमी- रामनवमी हिंदू धर्म का एक और पावन त्योहार है जो भगवान श्रीराम को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था।

22 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि पारण- चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 22 अप्रैल गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन विधि पूर्वक व्रत का पारण करना चाहिए।

23 अप्रैल: कामदा एकादशी – इस दिन पाप से मुक्ति के लिए उपवास रखा जाता है। दरअसल चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी कहते हैं।

24 अप्रैल: शनि प्रदोष – शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है।

25 अप्रैल: महावीर जयंती – महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे जिनकी जयंती महावीर जयंती के रूप में 25 अप्रैल को मनायी जाएगी। 12 साल की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

27 अप्रैल: चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती- इस दिन उपवास रखा जाता है। इस दिन हरिद्वार कुंभ का तीसरा और आखिरी शाही स्नान भी होगा। साथ ही इस दिन संकट मोचन हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाएगी।

हम आशा करते हैं, पहचान फरीदाबाद द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।

Avinash Kumar Singh

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