ज्ञान बांटने से ही मिलता है जितना हम ज्ञान बाटेंगे उतना ही लोगों को कुछ नया कुछ सीखने व समझने को मिलेगा। लेकिन ज्ञान के लिए हमें किताबें पढ़ना जरूरी होता है। लेकिन कही बार उन किताबों को खरीदने के लिए कई बच्चों व व्यक्ति के पास पैसे नहीं होते हैं। लेकिन उनको पढ़ने का शौक होता है।
इसीलिए वे ऑफ लाइफ फाउंडेशन के द्वारा एक मुहिम शुरू की गई है। जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की बुक को उन तक पहुंचा सकता है।
वे ऑफ लाइफ फाउंडेशन की फॉउंडर प्रियंका ने बताया कि जिले में कहीं ऐसे लोग है। जिनके बच्चे बुक्स की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाते है। इसलिए उनकी पढ़ाई को कोई नुकसान ना हो इसके लिए उनके द्वारा यह मुहिम शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ सेक्टर 15 के लोग ही इस मुहिम से जुड़े हुए थे । लेकिन अब सेक्टर 14, एनआईटी तीन नंबर और सेक्टर 9 के लोग भी इस मुहिम में अपना योगदान देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि इस बुक कलेक्शन में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की बुक चाहे वह स्कूल कि किसी क्लास की बुक हो, कोचिंग की बुक, नोबल हो या छोटे बच्चों की पोयम की बुक सभी को बुक्स कलेक्शन पर दे सकते हैं।
इसके लिए उनके द्वारा अभी तक जिले में 4 जगहों पर सेंटर बनाए गए हैं। जहां पर आसपास रहने वाले लोग आसानी से बुक को ड्राप कर सकते हैं। उन्होंने बताया है कि 1 अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल तक बुक्स की कलेक्शन की जाएगी। उसके बाद 11 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक बुक्स को विभिन्न वर्गों में बांटा जाएगा।
यह सभी कार्य पूर्ण होने के बाद 14 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक सेक्टर 15 की कम्युनिटी सेंटर में जो बॉक्स की कलेक्शन की गई है। उसकी एग्जिबिशन लगाएगा जाएगी। जिसमें कोई भी बच्चा अपने स्कूल का कोई भी प्रमाण पत्र लाकर बुक्स को ले जा सकता है। यह बॉक्स उनको फ्री आफ कॉस्ट दी जाएगी।
प्रियंका ने बताया कि बुक्स के अलावा जो बेकार का कॉपी होते हैं। उसको भी डोनेट कर सकते हैं। उन कॉपी में से जो साफ पेपर है उनको अलग करके उनसे एक नई कॉपी को बनाया जाएगा। इस लिया अगर किसी के पास कोई बेकार कॉपी भी पड़ी हुई है। तो उसको भी डोनेट की जा सकती है।
प्रियंका ने बताया कि अगर एग्जिबिशन के बाद कोई बुक्स बच जाती है। तो उसके लिए उनका एक फ्यूचर प्लान है कि वह एक मोबाइल लाइब्रेरी को शुरू करेंगे। बची हुई बुक्स को उस मोबाइल लाइब्रेरी में ही रखेंगे और उस मोबाइल लाइब्रेरी को लेकर अलग-अलग गांव और अलग अलग एरिया में चलाएंगे। जहां पर बच्चे पढ़ाई के लिए वंचित रह चुके है वह पर चलाया जाएगा। उस मोबाइल वैन में एक व्यक्ति को भी रखेंगे जो बच्चों को कुछ समय के लिए कुछ ज्ञान दे सके।
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