एक और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जहां वैक्सीन को लेकर जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला दिखाई दे रहा है। सोमवार को पहचान फरीदाबाद के संवाददाता हेमलता रावत के द्वारा सेक्टर 3 एफ आर यू का निरीक्षण किया गया।
जहां पर पाया कि सुबह 8:45 तक अस्पताल का गेट ही नहीं खुला था। जिसकी वजह से वैक्सीन लगवाने आए सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग गेट के बाहर खड़े हुए लाइन में नजर आ रहे थे।
करीब 9:05 पर जब अस्पताल के एक डॉक्टर अस्पताल में आई,तो उसने चौथी श्रेणी के कर्मचारी को फोन करके कहा कि अभी तक अस्पताल का गेट क्यों नहीं खुला है। डॉक्टर के फोन करने के बाद अस्पताल का गेट खोला गया।
जैसे तैसे 9 बजकर 5 मिनट पर अस्पताल का गेट तो खुल गया। लेकिन अस्पताल में डॉक्टर व कोई कर्मचारी मौजूद ही नहीं था। जिसकी वजह से मरीजों को करीब 10:00 बजे तक उपचार के लिए इंतजार करना पड़ा। 9:25 हो चुके थे लेकिन रजिस्ट्रेशन काउंटर फिर भी कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से उपचार लेने आए लोगों को काफी देर तक काउंटर के बाहर खड़ा रहना पड़ा।
जैसे करके काउंटर शुरू हुआ तो मरीजों की लाइन डॉक्टर के कमरों के बाहर देखने को मिली। लेकिन डॉक्टर का कोई अता-पता नहीं था। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन लगवाने आए बुजुर्गों की अगर बात करें तो वहां पर भी काफी लंबी लाइन देखने को मिली। लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन करने के लिए भी कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से उनका जो रजिस्ट्रेशन वह करीब 10:00 बजे के आसपास शुरू हुआ।
वहां मौजूद बुजुर्गों का कहना था कि वह करीब 8:00 बजे से अस्पताल के गेट के बाहर खड़े थे। लेकिन अस्पताल का दरवाजा बंद था। 9:05 पर जब गेट का दरवाजा खोला गया, तो उसके बाद भी वैक्सीन काउंटर पर कोई भी कर्मचारी यात्रियों का डॉक्टर मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से वह काफी परेशान हो रहे थे।
जहां एक और स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रही है कि 2 गज की दूरी और मास्क का उपयोग करें। वही सेक्टर 3 एफ आर यू में मौजूद बुजुर्गों के बीच ऐसी कोई भी गाइडलाइन फॉलो करते हुए नजर नहीं आए। बुजुर्गों का कहना है कि अगर वह लाइन नहीं लगाते हैं तो उनका नंबर काफी देर में आता है। जिसकी वजह से उनको सुबह से लेकर शाम तक वही बैठना पड़ता है।
इस बारे में जब हम अस्पताल की इंचार्ज डॉ शशि गांधी से बात करने के लिए उनके कमरे में गए तो वहां पर भी पाया कि उनके कमरे का ताला लगा हुआ था। करीब 11:00 बजे तक डॉ शशि गांधी जो एफ आर यू के इंचार्ज है वहां पर नहीं आई थी।
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार सोमवार को 154 मरीज पाए गए हैं। अगर हम ठीक होने के बाद घर पहुंचाए गए मरीजों की संख्या की बात करें तो वह 88 है। सोमवार को जिले के करीब 100 से अधिक सेंटरों पर 13000 लोगों को वैक्सीन की डोज़ लगाई गई।
गांव तिगांव स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन की डोज़ नहीं होने की वजह से इन लोगों को वापस भेज दिया गया। लोगों को कहा गया कि उनके पास वैक्सीन नहीं है। इसीलिए सोमवार को उनको किसी प्रकार की वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। इसलिए वहां मौजूद सैकड़ों की संख्या में लोग बिना वैक्सीन लगाए वापस घर चले गए। इस बारे में सीएमओ डॉ रणदीप सिंह पुनिया का कहना है कि उनके पास ववैक्सीन की कमी नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र पर क्यों कमी है। इस बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है। इसके बारे में वह अधिकारियों से पूछताछ करेंगे।
बीके अस्पताल में आए दिन किसी न किसी प्रकार की दवाइयों की कमी देखने को मिलती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की दवाई बहुत ही जरूरी खानी चाहिए। लेकिन वह भी अभी अस्पताल में मौजूद नहीं है। इसके अलावा चर्म रोग और हड्डी रोग से संबंधित जो महत्वपूर्ण दवाइयां है वह भी अस्पताल में मौजूद नहीं है। जिसकी वजह से वहां आने वाले मरीजों को वह दवाइयां बाहर से खरीद कर अपना उपचार करवाना पड़ रहा है।
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