बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इन परीक्षाओं में कोई लापरवाही न बरती जाए इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सभी स्कूलों को एक जरूरी नोटिस जारी किया गया है। जारी नोटिस में स्कूलों में शिक्षकों की उपयोगिता पर जवाब मांगा है
तो जा ए एस आई एस पोर्टल पर 10 अप्रैल तक शिक्षकों के नाम एवं जानकारी अपडेट करने को कहा गया है। इसके साथ ही स्कूलों में नियमों की अनदेखी करने पर बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट रोकने के साथ भारी जुर्माने की भी चेतावनी दी गई है। यदि स्कूलों द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो स्कूलों को ₹50000 जुर्माना अदा करना पड़ सकता है।
बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने वाली है जबकि इनकी प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू हो चुकी हैं जो कि 11 जून को खत्म होंगी।
ज्ञात है कि कोरोना काल के चलते स्कूलों में अनेकों एक्सटर्नल परीक्षकों की कमी देखने को मिली। कोवीड के कारण वर्ष 2020 में कई बाहरी परीक्षकों ने इस्तीफे भी दिए। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कई स्कूलों में शिक्षकों पर कक्षा 9 से 12वीं तक एक साथ कई कक्षाएं लेने का बोझ डाल दिया। स्क्वायर साइन किए गए कई परीक्षक एक्सटर्नल एग्जामर ड्यूटी के लिए उपलब्ध नहीं रह सके।
बोर्ड द्वारा ध्यान देने पर पाया गया कि कई स्कूलों ने एक्सटर्नल टीचर्स की गैरहाजिरी में ऐसे परीक्षकों को ड्यूटी के लिए चुना जो सीबीएसई बोर्ड द्वारा नियुक्ति नहीं किए गए थे। ओ ए एस आई एस पोर्टल पर ऐसे शिक्षकों की जानकारी अपडेट करना अति आवश्यक है जबकि स्कूलों द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के समय शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए कहा कि परीक्षकों की कमी के कारण 7 मई से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित होंगी। सीबीएसई द्वारा सूचित किया गया है 5 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच सभी स्कूलों को शिक्षकों के बारे में जानकारी अपडेट करानी होगी।
यदि ऐसा नहीं किया गया तो बोर्ड संबद्ध उपनियम व परीक्षक उपनियम के रूप में न केवल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी बल्कि स्कूल प्रिंसिपल पर ₹50000 जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट को भी रोका जा सकता है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में बोर्ड में कहा गया है कि यदि नियुक्त ना किए गए परीक्षक द्वारा प्रैक्टिकल लिया जाता है तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।
रद्द किए गए इन प्रैक्टिकल को सीबीएसई अपनी निगरानी में फिर से आयोजित करेगा। नोटिस में जारी आदेशों का पालन करने की पूरी जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाचार्य की है। साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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