कामयाबी कभी आपकी गरीबी को नहीं देखती है। कामयाबी बस आपके प्रयास और कड़ी मेहनत की दीवानी होती है। कुछ ऐसी ही कहानी है इस बिटिया की। दरअसल, उग्राखेड़ी गांव के टैक्सी चालक जगबीर मलिक की बेटी अनु ने जूनियर नेशनल महिला हैंडबॉल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है। यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई।
पिता के सपनों को पूरा करने में लगी यह बिटिया काफी मेहनत करती है। अनु दिल्ली टीम की ओर से खेली। अनु ने सेंटर बैक खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। अनु ने अपनी सफलता का श्रेय पिता जगबीर मां सुमित्रा, कोच शिवाजी सिंधू और ताऊ के बेटे अमन मलिक को दिया है।
सफलता का श्रेय किसी को भी मिले लेकिन सफलता जिसको मिली है वो उसका असली हक़दार होता है। इस कामयाबी से घर में खुशी का माहौल है। लेकिन इससे पहले अनु राज्य व राष्ट्रीय हैंडबॉल चैंपियनशिप में 14 पदक जीत चुकी हैं। अनु दिल्ली की पीतमपुरा स्टेडियम में हर रोज पांच घंटे अभ्यास करती है। गलती होने पर कोच डांटते भी हैं। वह बुरा नहीं मानती है।
जब तक गुरु गलती करने पर डांटे न तब तक निखार खेल में नहीं आता है। आप अपनी गलती सुधार कर ही उसमें निखार ला सकते हैं। अब अनु का आगामी लक्ष्य एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का है। इसके लिए वह और भी ज्यादा अभ्यास करेगी। 19 वर्षीय बीए प्रथम वर्ष की छात्रा अनु ने बताया कि आठ साल से वह हैंडबॉल का अभ्यास कर रही है।
गरीब पिता की बेटी अब नाम रोशन कर गरीबी दूर करने की राह पर निकल पड़ी है। आप सफलता के हक़दार बस तभी होते हैं, जब अपने काम को सच्ची निष्ठा के साथ करते हैं, एकाग्रता के साथ करते हैं।
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