कोरोना का संक्रमण कितना खतरनाक और इसकी स्थिति कितनी मुश्किल भरी हो सकती हैं वह भी जब एक ही परिवार के 23 सदस्य संक्रमित पाए गए।
मगर कहते हैं ना जब मन में जज्बा हो और अपने परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट जाए तो भी एक संघर्ष करती बेटी हार नहीं मान सकती। यह कोई कहानी नहीं बल्कि वास्तविकता है .या यूं कह सकते हैं धरातल पर गुजरे एक व्यक्ति के ऊपर की व्यथा है।
उन्होंने बताया जैसे ही लक्षण सामने आने लगे तो तुरंत पूरे परिवार का कोविड-19 का टैस्ट कराया गया। जिसमें घर के तीन सदस्यों को छोड़कर बाकी 23 सदस्य कोविड-19 से संक्रमित पाए गए।
राजीव चावला जिनके पूरे परिवार ने एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ी और इसे मात देने में भी कामयाब हो गए। राजीव चावला बताते हैं कि उनके परिवार के 23 सदस्य एक साथ संक्रमित हो गए थे।
जिसमें उनका परिवार ही नही बल्कि उनकी दोनों बहनें आरती भाटिया और अनुपमा भूटानी के परिवार भी संक्रमित हुए और इस संक्रमण की जद्दोजहद में आ गए थे।
राजीव चावला ने बताया कि जैसे ही संक्रमण की पुष्टि हुई तो उन्होंने पूरे परिवार सहित खुद को तीन घरों में क्वॉरेंटाइन कर ले ताकि यह संक्रमण उनसे बाहरी किसी सदस्य तक ना पहुंच सके। उन्होंने यह भी बताया कि एक समय इतना गंभीर हो गया था।
कि उन्हें और उनकी धर्मपत्नी संगीता चावला सहित उनकी माता राज चावला को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आन पड़ी थी। उन्होंने बताया इस दौरान वह अपनी बेटी पावनी चावला जो की एक डॉक्टर है उसकी निगरानी में उपचारहीन रहे।
उन्होंने बताया कि एक सकारात्मक इलाज के बाद वह और उनका पूरा परिवार इस संक्रमण से जूझने में कामयाब रहे और 14 दिन क्वॉरेंटाइन रहन के बाद अब उनका समस्त परिवार सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। किसी को भी किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
इसी ही परिवार की एक बेटी जो पेशे से डॉक्टर है वह परिवार के लिए वरदान साबित हुई है इस बारे में जब पावनी के पिता से बात हुई तो उन्होंने पावनी के साहस की तारीफ़ करते हुए कहा कि पावनी एक बेहतरीन डॉक्टर है जब से कोरोना ने आम जीवन में प्रवेश किया है तब से पावनी कोरोना संक्रमित मरीजों की का इलाज कर रही है .
अब तक पावनी तकरीबन सैकड़ों कोरोना मरीजों को जीवनदान दे चुकी है लेकिन इस बार जब पावली खुद इस संक्रमण की चपेट में आ गई तो भी उसने हार नहीं मानी और जिस प्रकार वह लोगों को सेवा कर रही वो सराहनीय है।
राजीव चावला ने बताया कि यह संक्रमण एक दूसरे परिवार के संपर्क में आने से हुआ था। वही मैं बताते हैं कि कुछ लोगों को 4 दिनों के भीतर संक्रमण के लक्षण जैसे बुखार, जठराइटिस, खांसी, शरीर दर्द, सिरदर्द, कंजुक्टिविटिस) का एहसास हुआ। वहीं उन्हीना बताता कि घर के बाकी सदस्यों के संकेत दिखने में करीबन एक सप्ताह का समय लग गया।
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