जानिए क्या है National Security Act(NSA)? राष्ट्रीय सुरक्षा कानून किस पर और क्यों लगाया जाता

रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून इस शब्द को आपने काफी बार टीवी से लेकर अख़बारों में देखा होगा। यह कानून क्या है और क्यों बनाया गया है इस बारे में जानकारी काफी कम लोगों को है। लेकिन आज हम इसकी जानकारी आपको देंगे। देश के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को विभिन्न मामलों में लगाया जाता है।

यह कानून पिछले एक साल में काफी बार चर्चा में आया है। हर बार कोई न कोई बड़ा कारण इसके पीछे रहा है। अभी हाल में माहमारी के विरुद्ध लड़ाई में वारियर्स के नाम से प्रसिद्द डॉक्टर्स,नर्स, पुलिस, सफाई कर्मचारी इत्यादि के ऊपर हमले होने की घटनाओं और इनको परेशान करने की घटनाओं में बीच उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने इस कानून के तहत कुछ लोगों पर मामला दर्ज किया है।

जानिए क्या है National Security Act(NSA)? राष्ट्रीय सुरक्षा कानून किस पर और क्यों लगाया जाता

महामारी में इन वारियर्स ने हमारी रक्षा की लेकिन कुछ लोगों ने इनपर हमले किये। इन्हीं हमलों से यह वारियर्स बच सकें इसलिए इस कानून के तहत लोगों पर मामले दर्ज किये गए। अगर, केंद्र या राज्य सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा उत्पन्न कर रहा है या आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधक बन रहा है, तो सम्बंधित सरकार द्वारा उस व्यक्ति को गिरफ्तार कराया जा सकता है।

सीएए और इन वारियर्स के मामले में इस कानून को बीच में दखल देना पड़ा। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 23 सितंबर 1980 को अस्तित्व में आया था। रासुका में संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। यह अधिनियम, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को किसी व्यक्ति को भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने, विदेश के साथ भारत के संबंधों को चोट पहुँचाने, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव या आपूर्ति को बाधित करने, ड्यूटी पर तैनात किसी पुलिस कर्मी पर हमला करने के जुर्म में गिरफ्तार करने की ताकत देता है।

ऐसे बहुत से लोग हैं जो पर्दे के पीछे से उपद्रवियों को निर्देश देते हैं। अगर किसी संदिग्ध पर शक होता है तो उसे इस कानून के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। इस कानून के तहत, सम्बंधित अधिकारी को यह पॉवर है कि वह संदिग्ध व्यक्ति को बिना कारण बताये 5 दिनों पर कैद में रख रख सकता है जबकि विशेष परिस्थितियों में यह अवधि 10 दिन तक हो सकती है।

Avinash Kumar Singh

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