हमारी मेहनत की कमाई हम अकसर बैंक या अपने घर में बचा कर रखते हैं। यह कमाई हमारी खून – पसीने की होती है। सरकार लगातार देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इस कड़ी में लगातार कैश ट्रांजैक्शन से जुड़े नियम सख्त होते जा रहे है। आज के समय में सभी लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट करना ही ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित है।
डिजिटल पेमेंट करना काफी आसान और सहज है। सुरक्षा के मामले में भी यह नकद से अच्छा है। कैश के जरिए बड़े लेन-देन करने पर आप कभी भी मुसीबत में फंस सकते हैं। हालांकि, घर में कैश रखने की लिमिट तय नहीं है। लेकिन, घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी है।
कैश से लेन – देन गत वर्षों में काफी कम हुआ है। लोग डिजिटल की तरफ रुख अपना रहे हैं। एक बार में 50,000 रुपए से ज्यादा कैश जमा करने या निकालने पर पैन कार्ड नंबर देना जरूरी है। कैश में पे-ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी बनवा रहे हैं तो पे ऑर्डर-DD के मामले में भी पैन नंबर देना होगा। मार्च 2020 में करीब 24-25 लाख करोड़ रुपये चलन में थे। वहीं, जनवरी 2021 में ये बढ़कर 27 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गए।
ऐसे बहुत से नियम होते हैं जिनसे हम दूर रहते हैं। वो नियम हमें पता नहीं होते। लेकिन नियम कहते हैं कि 20 हजार रुपये से ऊपर कैश में लोन नहीं लिया जा सकता है। मेडिकल खर्च में 5000 रुपये से ज्यादा कैश में खर्च करने पर टैक्स में छूट नहीं मिलती। 50 हजार रुपये से ऊपर की रकम फॉरेन एक्सचेंज में नहीं बदली जाएगी।
काफी लोग अपने घरों में करोड़ों रुपये रखते हैं। लेकिन नए नियमों के अनुसार घर में रखे कैश का सोर्स बताना अब जरूरी है। अगर कोई इसकी जानकारी नहीं दे पाता है तो उसे 137% तक पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।
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