Categories: Public Issue

शुद्ध हवा के लिए पौधे लगाने का दिखाते साहस तो ऑक्सीजन की कमी से न थमती किसी की सांस

पृथ्वी एक ऐसा शब्द है, जिसमें पूरी दुनिया समा जाती है। एक ऐसा व्यापक शब्द जिसमें जल, हरियाली से लेकर वन्यप्राणी व प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य तत्व भी शामिल किए जाते है। पृथ्वी जिस पर वन्यजीवों से लेकर सजीव और निर्जीव का अपार भंडार है। इस पृथ्वी को सौंदर्य प्रदान करने वाले हरियाली की बेकद्री अब आमजन को बड़ी सताने लगी है।

भला सताए भी क्यों ना अपने आवासों को चकाचौंध करने के लिए हरियाली का खात्मा और ऑक्सीजन प्रदान करने वाले पेड़ पौधों की कटाई जिसकी आज वैश्विक महामारी में थमती सांसों के रूप में भरपाई की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वायुमंडल मानक के अनुसार ऑक्सीजन हो तो कुछ हद तक इसकी मांग में कमी आ सकती है।

शुद्ध हवा के लिए पौधे लगाने का दिखाते साहस तो ऑक्सीजन की कमी से न थमती किसी की सांस

उनका मानना है कि सांस लेने के लिए जितनी ऑक्सीजन वायुमंडल में होनी चाहिए उतनी नहीं है, जो की गंभीरता का विषय है। दिन प्रतिदिन वायु मंडल इतना प्रदूषित हो चुका है कि शुद्ध हवा मिलना तो दूर शरीर का स्वस्थ रहना भी दुश्वार हो गया है।

इसके अतिरिक्त मेडिकल हेल्थ ऑफिसर डाॅ. ब्रिजेश खारी की मानें तो वायुमंडल में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होने से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रह सकता है। अगर ऑक्सीजन को शुद्ध रखना है, तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाकर ही औषधियों की प्राप्ति हो सकती है, और वातावरण का शुद्धिकरण किया जा सकता है।

वैसे तो इस बात पर वन विभाग भी काफी जोर दिए हुए हैं, इसलिए वह कम से कम 7 लाख पौधे विभाग लगाएगा, जिसमें से 5 लाख पौधे ऐसे होंगे जो ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते होंगे। इस बात में कोई दो राय भी नहीं है कि शहर में हरियाली दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है।

जिसके कारण वायुमंडल में मिलने वाला ऑक्सीजन भी कम हो चुका है, और रही सहीं कसर ऑक्सीजन में धूल धुएं के कण ने पूरी कर दी है, जिससे आमजन को श्वसन संबंधी परेशानियां तोहफे के रूप में मिल रहीं हैं।

उन्होंने बताया कि अगर शुद्ध हवा होगी तो कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने बताया कि सांस से जुड़ी बीमारी प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती हैं। इसलिए जितना संभव हो सके अपने घर के आस-पास स्कूलों में दफ्तरों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए ताकि आपके आसपास के वातावरण को शुद्ध किया जाए ताकि स्वच्छ हवा में सांस लेना संभव हो सके।

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गई है। अगर समय रहते इस विषय पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा तो हो सकता है आने वाला भविष्य वर्तमान से बेहतर बनाया जा सके।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago