कुत्ता समझकर घर ले आये परिवार वाले, डॉक्टर ने देखते ही बुलाई पुलिस :- आपने आजतक सूना होगा की कुत्ता सबसे वफादार प्राणी होता हैं और जो सच भी है । किस्से कहानियों में सुना जरूर होगा कि कुत्ता स्पेस में भी घूम कर आ चुका है ।लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश की सच्ची घटना बताने जा रहे है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे ।
लेकिन आपके भविष्य में ये बात बहुत काम आएगी और हां यदि आपको भी कुत्ते पालने का शौक है तो कुछ पाल निकाल कर ये जरूर पढ़िए । चीन के यूनान प्रांत में रहने वाली सू युन और उनके परिवार को एक कुत्ता पालने का बेहद शौक था और फिर एक दिन सू युन का परिवार बाजार से एक छोटे कुत्ते के पिल्ले को घर ले आया
लेकिन बाजार में उन्हें कुत्तों के ज्यादा प्रकार नहीं दिखे थे और जो कुत्ते थे उनमें कोई खास बात नहीं थी। हालाकि बाद में, बाजार में सू युन को एक प्यारा नन्हा पिल्ला दिखा, उसे देखते ही तुरंत उनका दिल उस पर आ गया। सिर्फ वही नहीं पूरे परिवार को नन्हा पिल्ला पसंद आया और देरी ना करते हुए उसे खरीदकर घर ले आए।
सू युन की फैमिली ने कुत्ते को खरीदने से पहले उसकी breed यानी कि उसकी नस्ल के बारे में दुकानदार से पूछा। तब दुकानदार ने बताया कि पिल्ला मास्तिफ़ प्रजाति का है। यहां से इस सच्ची घटना ने रोचक बातों की ओर मुख मोड़ लिया।
यह सुनने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को लगने लगा कि इस कुत्ते में जरूर कुछ ना कुछ खास बात है।यही नहीं फैमिली को कुत्ते में काफी कुछ खास बातें दिखीं। आइए जानते है कि क्या है वो रोचक बातें –
पिल्ले को जब परिवार द्वारा घर लाया गया तो देखा कि, कुत्ते को कुछ ज़्यादा ही भूख लगती है। वह रोज करीब 2 बाल्टी पास्ता और 1 पेटी फल खा जरूर खा जाता था।
फैमिली को ये बात तो पता थी कि, कुत्ते को भूख लगती होगी, लेकिन उन्होंने इतना खाने वाला कुत्ता कभी नहीं देखा था। उन्होंने पड़ोसियों के कुत्ते भी देखे होंगे लेकिन ऐसा कुत्ता जो इतना खाए पहले कभी नहीं देखा ।ये तो शुरुआत है अभी इस कुत्ते से जुड़ी और भी बाते है ।
इसके बाद सू युन के परिवार ने देखा कि, कुत्ता बहुत अजीबो गरीब तरीके से चिल्लाता भी है।जिस तरह की आवाज़ उनका कुत्ता करता था उस प्रकार उन्होंने कुत्तों से इस तरह की आवाज कभी नहीं सुनी थी।
फैमिली ने बताया कि, उस कुत्ते की आवाज सुनकर कभी ऐसा नहीं लगा जैसे वो भौंक रहा हो। बल्कि कुत्ते की आवाज से लगता था, जैसे वो किसी के ऊपर चीख रहा हो। कुत्ते के ऐसे अजीब व्यवहार को देखकर परिवार वाले भी थोड़े डर गए थे
लेकिन सू युन और उनकी फैमिली जानती थी कि कुत्ता स्पेशल है, इसलिए उन्होंने उसको खूब प्यार किया और उसकी देखभाल में भी कोई कमी नहीं की।
एक दिन परिवार वालों ने देखा कि, कुत्ता अपने आप दो पैरों पर खड़ा हो गया। चूंकि किसी ने भी उसे खड़ा होना नहीं सिखाया था, इसलिए इसे देखकर सब दंग देह गए ,परिवार वालों की आंखे फटी की फटी रह गई।
इसे देखकर परिवार वालों ने सोचा कि या तो इसने खुद सीख लिया होगा, या फिर उसकी नस्ल कि, ये खूबी होगी।लेकिन वो इस बात से अनजान थे कि आगे क्या होने वाला जब उन्हें कुत्ते कि सच्चाई पता चलेगी तो उनकी पैरो तले जमीन खिसक जाएगी ।
परिवार ने उस कुत्ते का नाम प्यारा ‘छोटू ब्लैकी’ रखा था। वह जमकर खाना खाता था, इसलिए वह बहुत तेजी से बड़ा हो गया। उस कुत्ते का कद देख कर परिवार वाले सहम गए क्योंकि 2 साल की उम्र में ही कुत्ता 1 मीटर ऊंचा हो गया और वजन 110 किलो बढ़ गया।
पिल्ले की ऊंचाई और वजन बढ़ता देख सू युन हैरत मे पड़ गए। उनके दिमाग में ये सवाल आने लगा कि, कोई कुत्ता इतनी तेजी से कैसे बड़ा हो सकता है?
न सिर्फ वजन और ऊंचाई बल्कि उसके दांत भी लगातार बड़े हो रहे थे। कुछ दिनों बाद वो कुत्ता नहीं, बल्कि किसी शिकारी और खूंखार जानवर की तरह दिखने लगा। इन सभी बातों को देखकर परिवार काफी चिंतित हो गया। उनके दिमाग में ये आने लगा कि, एक मनचाहा कुत्ता पालने की कीमत कहीं जान गंवाकर तो नहीं चुकानी पड़ेगी।
अब कुत्ते के मालिक यानी सू युन जानवरों के डॉक्टर के पास पहुँचे। फिर क्या था, डॉक्टर देखते ही समझ गया कि, ये कुत्ता नहीं बल्कि कोई और ही जानवर है। डॉक्टर ने बिना देरी किए यिलियांग काउंटी पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो वालों को बुलाया।
इसके बाद इस ब्यूरो को फैमिली ने बताया कि, ये दो बाल्टी पास्ता और एक फलों की पेटी बड़े आराम से खा लेता है। साथ ही परिवार ने उस जानवर के दांत भी दिखाए और बताया कि ये ज्यादातर दो पैरों पर खड़ा होता है।एक बार को तो डॉक्टर भी हक्का बक्का रह गया लेकिन उसने सूझ बूझ से काम लिया और समस्या का समाधान निकाला ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वो कुत्ता नहीं बल्कि खतरनाक काला एशियाई भालू था, यिलियांग काउंटी पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के अधिकारी आए और इस भालू को अपने साथ ले गए। IUCN के अनुसार इस जानवर के कई नाम हैं।
से लोग कॉलर बेयर, मून बेयर या तिब्बती भालू भी कहा जाता है। IUCN ने इसे लुप्तप्राय प्राणी की श्रेणी में रखा है। इस भालू के अधिक शिकार होने की वजह से इसकी संख्या अब काफी कम हो चुकी है।
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