कहते हैं कि जीवन दान से बड़ा कोई भी दान नहीं होता है। अगर हर किसी व्यक्ति को जीवन में दान करने का मौका मिले तो वह दान करते रहे। क्योंकि उससे वह सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा सकता है। हम बात कर रहे हैं फरीदाबाद के एक ऐसे व्यक्ति की जिसने अपने जीवन में ब्लड, प्लाज्मा और प्लेटलेट दान करके सैकड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है।
सेक्टर 7 के रहने वाले सुनील मस्ताना जो कि गुड़गांव में एक ऑटो कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वह 17 साल की उम्र से ब्लड डोनेट कर रहे हैं और अब उनकी उम्र 54 साल की है। साल 2010 में वह महामारी से संक्रमित हो गए थे और उस दौरान उन्होंने यह सोचा कि वह तो अब ब्लड डोनेट नहीं कर पाएंगे और लोगों को नया जीवन नहीं दे पाएंगे।
तभी उन्होंने सुना की महामारी से संक्रमित व्यक्ति अगर 28 दिन के बाद प्लाज्मा को डोनेट करता है। तो वह 2 लोगों को जीवन दान दे सकता है। यह सुनकर वह बहुत खुश हुए 7 जुलाई 2020 को उन्होंने पहली बार प्लाज्मा डोनेट कर दो व्यक्तियों की जान बचाई। उसके बाद से उन्होंने करीब 16 बार प्लाज्मा डोनेट कर सैकड़ों लोगों की जान बचाई।
उन्होंने बताया कि आखरी बार उन्होंने 20 अप्रैल 2021 को प्लाज्मा डोनेट कर दो व्यक्तियों को नया जीवनदान दिया। 7 जुलाई 2020 को उनके पास एक बच्चे का फोन आया और उसने बताया कि उनके मां-बाप महामारी की चपेट में आ चुके हैं और वह सर्वोदय में भर्ती है। सुनील मस्ताना का जो ब्लड ग्रुप है वह है बी नेगेटिव जो कि बहुत ही रेयर लोगों में होता है।
इसी वजह से वह अपने आप को बहुत ही खुशकिस्मत मानते हैं कि वह इस ब्लड ग्रुप से ताल्लुक रखते हैं। जब उस बच्चे का फोन आया तो उन्होंने कहा कि वह अस्पताल आ रहे हैं । अस्पताल में जाकर उन्होंने जब एंटीबॉडी टेस्ट कराए। तो करीब ढाई घंटे के बाद रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने उस बच्चे के मां-बाप को प्लाज्मा डोनेट कर नई दिन की थी।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पहली बार प्लाज्मा डोनेट कर उस बच्चे के मां बाप की जिंदगी को बचाया। तो उन्होंने इतना गर्व महसूस किया और वह उनके लिए बहुत खास दिन था। महामारी के दौरान वह काफी परेशान थे। लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने के बाद उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिली और उसके बाद से अब तक वह 16 बार प्लाज्मा डिलीट कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि हर 15 दिन के बाद वह प्लाज्मा डोनेट करते हैं। अभी भी उनके पास कई लोगों के फोन आ रहे हैं कि उनको प्लाज्मा चाहिए और वह उनकी मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के साथ साथ उनके ऑफिस वाले भी उनको काफी सपोर्ट करता है।
उन्होंने बताया कि कई बार मीटिंग को बीच में छोड़कर प्लाज्मा डोनेट किया है। जिसको लेकर कभी भी ऑफिस वालों ने उनसे कोई सवाल जवाब नहीं किया है। उनका कहना है कि जीवन एक बार मिला है और उस जीवन में हम अगर जितने ज्यादा ज्यादा लोगों की मदद कर सकते हैं तो वह उनका सौभाग्य है और वह ऐसे ही लोगों को जीवन दान देते रहेंगे।
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