एक तरफ जहां जिले में महामारी अपने चरम पर है वही बादशाह खान अस्पताल में कुछ समय के लिए आरटीपीसीआर सैंपलिंग प्रक्रिया को रोक दिया गया है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि महामारी की जांच करने वाले लैब कर्मी स्वयं ही महामारी से संक्रमित हो गए हैं ऐसे में जांच प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
दरअसल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर से निर्देश भी जारी किए गए हैं कि अगले आदेश तक केवल रैपिड एंटीजन टेस्ट ही किए जाएंगे। निर्देश मिलने के बाद से बीके अस्पताल की आइडीएसपी लैब से आरटीपीसीआर जांच कराने वालों को वापस लौटाया गया, जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट प्रक्रिया जारी थी।
महामारी संक्रमण बढ़ने के बाद से जिले में प्रतिदिन चार हजार से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं। इनकी रिपोर्ट ईएसआइसी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, गुरुग्राम स्थित टीएचएसटीआइ, कोर लैब और दिल्ली स्थित मालिक्यूलर लैब से आती है।
यहां पर फरीदाबाद के अलावा दिल्ली के समीप स्थित अन्य जिलों के सैंपल भी जांच के लिए आ रहे हैं। इसके चलते लैब व इसमें काम करने वाले कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। इसके चलते लैब को बंद कर दिया गया है और आरटीपीसीआर प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को प्रामाणिक नहीं माना जाता है। इसमें नाक से सैंपल लिया जाता है जिसमें केवल यह पता चलता है कि व्यक्ति पॉजिटिव है या नेगेटिव वही आरटी पीसीआर में नाक व गले दोनों से सैंपल लिया जाता है जिसमें व्यक्ति के शरीर में महामारी किस स्टेज में है और उसका कितना प्रकोप है से, संबंधित सभी जानकारी मिलती है।
आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट को आने में कम से कम 48 घंटे का समय लगता है।
ऐसे में यदि अगर कोई व्यक्ति इस समय अंतराल में वास्तव में संक्रमित हुआ, तो वह अनजाने में कइयों को संक्रमित करेगा।
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