Categories: Religion

लॉकडॉउन में नही लग पाई आस्था की डुबकी जानिए घर पर कैसे करे गंगा दशहरा स्नान

भारत देश एक धार्मिक देश हैं यहाँ पर पूजा पाठ का अलग ही महत्व है लोगो की भगवान के प्रति आस्था देखने को मिलती हैं वही पूरे भारत मे गंगा दशहरा पर्व 1 जून यानी कि आज मनाया जा रहा है धार्मिक आस्था के अनुसार, यह हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। मां गंगा को समर्पित इस पर्व में गंगा नदी में स्नान किया जाता है और दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इसके साथ ही मां गंगा की आराधना की जाती है।

लॉकडॉउन में नही लग पाई आस्था की डुबकी जानिए घर पर कैसे करे गंगा दशहरा स्नान


माना जाता हैं कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं आज के दिन लोग दान – दक्षिणा भी करते है जहाँ हर साल लोग आज के दिन हजारों की तादात में गंगा स्नान करते थे पर इस बार लॉकडॉउन के कारण गंगा स्नान सम्भव नही है इस बार गंगा दशहरा पर पुण्य लाभ कमाने के लिए घर पर नहाते समय बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करें।

क्या है गंगा स्नान का महत्व

पौरणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार, पावनी माँ गंगा की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा ध्यान एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्तों को मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य भी करते हैं गंगा दशहरा के दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है।

आखिर आज क्या दान करे


गंगा दशहरा के दिन स्नान के बाद किसी गरीब व्यक्ति को पानी से भरा हुआ घड़े का दान करने से लाभ मिलता हैं ।
इस पर्व पर मौसमी फल को दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
राहगीरों को पानी पीने की व्यावस्था करनी चाहिए। ऐसे करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
अमूमन लोग आज के दिन पानी की छबील लगाकर लोगो को पानी पिलाकर पुण्य लाभ कमाते है

क्या है गंगा दशहरा स्नान की कथा

पुराणों के अनुसार आदिकाल में ब्रह्माजी ने पराप्रकृति धर्मद्रवा को सभी धर्मों में प्रतिष्ठित जानकार ब्रह्मा जी ने अपने कमण्डल में धारण कर लिया। राजा बलि के यज्ञ के समय वामन अवतार लिए जब भगवान विष्णु ने 3 पग जमीन मांगी तो एक पग में आकाश और बह्मांड को नाप दिया उस समय अपने कमण्डल के जल से ब्रह्माजी ने श्री विष्णु के चरण का पूजन किया।

चरण धोते समय श्री विष्णु का चरणोदक हेमकूट पर्वत पर गिरा। वहां से भगवान शिव के पास पहुंचकर यह जल गंगा के रूप में उनकी जटाओं में समा गया। गंगा बहुत काल तक शिव की जटाओं में भ्रमण करती रहीं। तत्पश्चात सूर्यवंशी राजा भगीरथ ने अपने पूर्वज सगर के साठ हज़ार पुत्रों का उद्धार करने के लिए शिवजी की घोर तपस्या की। भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर गंगा को पृथ्वी पर उतार दिया।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

4 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

4 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago