यज्ञ ( हवन ) से प्रदूषण दूर होकर वातावरण शुध्द होता है वायुमण्डल में जो विशैले रोगाणु, जिवाणु, वायरस होते है उनका भी शमन होता है
योगिराज ओउमप्रकाश महाराज संस्थापक , अध्यक्ष- ओउम योग संस्थान ट्रस्ट पाली ., फरीदाबाद ने बताया की कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए भी यज्ञ चिकित्सा कारगर सिध्द हो सकती है
यज्ञ चिकित्सा को वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित किया है कि यज्ञ से शरीर के उर्जावान WBC नष्ट नहीं होते है अपितु बढ़ जाते है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाते है ,
यज्ञ में प्रयोग करने के लिये कपूर ,आम या अन्य समिधाएं ,गाय का शुद्ध धृत ,हवन सामग्री से वातावरण शुद्ध व शरीर निरोगी व सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है
, यज्ञ खुले स्थान में भी कर सकते है और कमरे में भी अगर कमरे में करना हो तो खिडकियां खुली रहें ।हवन में ( यज्ञ ) वेदमंत्रों के उच्चारण से शरीर मैं सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है ।यज्ञ शाला से निकलने वाली तरंगों से सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है ।
मै यह भी स्पष्ट करना चाहुंगा कि वैज्ञानिकों ने यह भी संकेत दिये है कि यज्ञ में उपयोग की जाने वाली समिधाएँ वायरल वैक्टीरिया को निष्क्रिय करती है ,जैसे पलाश की समिधा नकारात्मक उर्जा का नाश करती है ,पीपल की समिधा भरपूर आक्सीजन देती है ,
शमी की समिधा मन को शान्ति देती है और मानसिक तनाव को दूर करती है,आम की समिधा पर्यावरण को शुद्ध व वायरल वैक्टीरिया को निष्क्रिय करती है ।
अतः स्पष्ट है कि वर्तमान परिस्थितियों व परिप्रेक्ष्य मे कोरोनावायरस को वातावरण से समूल नष्ट करने के लिये श्रृषि मुनियों के द्वारा प्रतिपादित यज्ञ विध्या को सम्पूर्ण विश्व को अपनाना पडे़गा ,शरीर को वायरस वैक्टीरिया से विमुक्त करने के लिये यज्ञ थैरेपी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
योगिराज ओउमप्रकाश महाराज जी संस्थापक, अध्यक्ष ओउम योग संस्थान ट्रस्ट पाली फरीदाबाद के आवाहन पर 03 मई 2021 को *घर घर यज्ञ हर घर यज्ञ *को सफल बनायें व उपरोक्त विवेचन से यज्ञ के वैज्ञानिक पक्ष को समझे व वर्तमान कोरोनावायरस महामारी से समाज ,राष्ट ,परिवार में मच रहे कोराहम को घर घर यज्ञ से वातावरण को विशुद्ध करने का प्रयास करें,
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाये ,मानसिक तनाव को दूर करें ,सकारात्मक सोच उत्पन्न करें, परमपिता परमेश्वर से इस महामारी को परिवार, समाज, देश व दुनिया से समूल नष्ट करने के लिये प्रार्थना करे। यदि यज्ञ के मंत्र किसी को नहीं आते ,तब केवल गायत्री मंत्र से 108 बार आहुतियां दें अर्थात यज्ञ आवश्य करें।
विशेष ध्यान दे इस वैश्विक महामारी से बचने के लिये निम्न आयुर्वेदिक औषधियां सामग्री में मिलाकर घर घर यज्ञ करेंगें तो शरीरिक रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा तथा सकारात्मकता उर्जा शरीर में प्रवेश करेगी
,इसलिए सामग्री में निम्न औषधियों को मिलाकर यज्ञ करें ।
वायरल रोगों में निम्न औषधियों को एक किलो सामिग्री में मिलाकर यज्ञ करने से बातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है । गूगल 100 ग्राम,
लोबान 100 ग्राम , सफेद चंदन 25ग्राम, लाल चंदन 25ग्राम, अगर व तगर 50 ग्राम, चिरौंजी 50ग्राम, नारियल का बुरादा 75 ग्राम, जायफल व लौगं 50 ग्राम, मुन्नक्का 50ग्राम, किशमिश व छुआरा 75 ग्राम , बडी इलायची 50ग्राम, गुलाब के फूल सूखे 50 ग्राम, बडी हरड़ 50 ग्राम, गिलोय 100 ग्राम , चावल 50ग्राम, सतावर 100 ग्राम, ब्राह्मी 75 ग्राम, काले तिल 75 ग्राम, अश्वगंधा 25 ग्राम, चिरायता 25 ग्राम ।
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
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