महामारी के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश सरकार ने पहले जिले में पहले वीकेंड लॉकडाउन तथा अब संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। लॉकडाउन के इस फैसले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां नहीं की गई है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
दरअसल, आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के 9 जिलों में वीकेंड लॉकडाउन डाउन की घोषणा कर दी जिसमे फरीदाबाद में शामिल था। लॉक डाउन की घोषणा होते ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजी- रोटी का खतरा सताने लगा जिसके बाद प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पलायन करने लगे। अचानक लगे इस लॉकडाउन ने लोगों को भी असमंजस में डाल दिया है। प्रशासन की ओर से लॉकडाउन को लेकर अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पिछले वर्ष प्रशासन ने तमाम एनजीओ के सहयोग से सभी जरूरतमंद लोगों की मदद की। तमाम एनजीओ के द्वारा लोगों को खाने के पैकेट व सभी जरूरतमंद चीजें उपलब्ध करवाई गई थी परंतु इस बार प्रशासन को तैयारियों के लिए समय ही नहीं मिल पाया।
समय न मिलने का खामियाजा मजदूर तबके तथा आमजन को भुगतना पड़ेगा ऐसे में यह सोचने का विषय है कि क्या इस बार भी जिले में भूखमरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि जिले में महामारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लगातार बढ़ते मामलों के बीच मरीज तथा तीमारदार दोनों ही हलकान हो रहे हैं प्रशासन की ओर से मदद के दावे तो किए जा रहे हैं परंतु जमीनी स्तर पर कुछ और ही देखने को मिल रहा है।
मरीजों के तीमारदार ऑक्सीजन को लेकर दर-दर भटक रहे हैं ऐसे में लॉकडाउन का लगना लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
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