हमारे दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसी को लेकर डैड और ऑक्सीजन की कमी भी जिले भर में देखी जा रही है। लेकिन सेक्टर 14 नशा मुक्ति केंद्र में पांच विभिन्न संस्थाओं के द्वारा एक ऑक्सीजन कोविद केयर सेंटर शुरू किया गया है।
जिसमें करीब 70 से 80 ऑक्सीजन बेड मौजूद। और अभी तक इस सेंटर पर करीब 12 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। लेकिन इन मरीजों को एक महिला के द्वारा फ्री में खाना उपलब्ध करा रही है और वह खाना डॉक्टर के डाइट चार्ट के अनुसार दिया जा रहा है।
अगर हम बात करें तो मरीजों को खाने के साथ साथ हल्दी वाला दूध, सूप व फल भी दिए जा रहे हैं। जिससे कि उनको ठीक होने में काफी सहायता मिलेगी। हम बात कर रहे हैं सेक्टर 14 नशा मुक्ति केंद्र में चल रही पूजा की रसोई की।
रसोई की संचालक या फिर यूं कहें कोऑर्डिनेटर पूजा ने बताया कि उनके द्वारा जो यह रसोई चलाई जा रही है। वह रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से चलाई जा रही है। यहां पर अभी करीब 12 मरीज भर्ती है और इसके अलावा इस सेंटर पर काम करने वाले कर्मचारी, डॉक्टर व अन्य लोगों को भी खाना उपलब्ध कराती हैं।
उन्होंने बताया कि अगर इस सेंटर के बाहर भी किसी जरूरतमंद को खाने की आवश्यकता होती है तो वह यहां आकर खाना लेकर खा सकते हैं। उनके यहां पर हर रोज करीब 100 लोगों का खाना बनाया जाता है। जिसमें दो सब्जी, रोटी, चावल और सलाद होता है।
इसके अलावा वह सुबह के समय पोहा, दलिया व खिचड़ी देती है। वहीं 11:00 बजे के करीब फल दिया जाते हैं। दोपहर में लंच दिया जाता है। 4:00 बजे के करीब चाय और 6:00 बजे करीब उनको सूप दिया जाता है।इसके अलावा 7:00 बजे के करीब डिनर दिया जाता है। वही रात को सोने से पहले मरीजों हल्दी वाला दूध पीते हैं।
लेकिन बता दें कि हल्दी वाला दूध सिर्फ मरीजों को ही दे जाता है। ताकि जल्दी से ठीक हो कर वापस अपने घर अपने परिजनों के पास जा सके। उन्होंने बताया कि यह सेवा वह मरीजों को फ्री में दी जाती है व उनके परिजनों को भी फ्री में दी जाती है। किसी से किसी प्रकार का कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है।
उन्होंने बताया कि महामारी से बचने के लिए उनके कर्मचारियों के द्वारा भी काफी सावधानी बरती जाती है। ताकि वह इस महामारी से बचे रह सके और सेवा में अपना योगदान दे सके। इसको लेकर वह समय-समय पर अपने कर्मचारियों को भी जागरूक करती है कि वह किस तरीके से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं।
इसके अलावा उनको यह भी बताया जाता है कि वह साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखे। ताकि मरीजों को जल्दी ठीक कर सके। उन्होंने बताया कि मरीजों को खाना एक बंद डिब्बे में पैक हो कर जाता है। जिसके बाद वहां सेंटर पर तैनात कर्मचारियों के द्वारा मरीजों को खाना सर्व करते है।
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