ग्राम पंचायतों को सक्रिय कर दी जाए वित्तीय शक्ति, गाँव मे संक्रमण रोकने में पंचायत होंगी कारगर साबित: टेकचंद शर्मा

पृथला विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पं. टेकचंद शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे संक्रमण पर चिंता जताते हुए कहा कि ग्राम पंचायत भंग होने के चलते गांवों में साफ-सफाई की व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप्प हो गई है। हालात यह है कि गांवों में बढ़ते संक्रमण को लेकर सेनेटाइजेशन की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है, जिससे यहां महामारी विकराल रूप ले सकती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ग्रामीण आंचल में फैले संक्रमण को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है, लेकिन ग्राम पंचायतों के सक्रिय न होने के चलते इन प्रयासों को गति नहीं मिल पा रही है। शर्मा सोमवार को सीकरी स्थित अपने कार्यालय पर गांवों से आए लोगों से महामारी को लेकर विचार विमर्श कर रहे थे।

ग्राम पंचायतों को सक्रिय कर दी जाए वित्तीय शक्ति, गाँव मे संक्रमण रोकने में पंचायत होंगी कारगर साबित: टेकचंद शर्माग्राम पंचायतों को सक्रिय कर दी जाए वित्तीय शक्ति, गाँव मे संक्रमण रोकने में पंचायत होंगी कारगर साबित: टेकचंद शर्मा

उन्होंने कहा कि पृथला क्षेत्र में 102 गांव आते है, और लगभग अधिकतर गांवों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसे रोकने के लिए प्रशासन प्रयास तो कर रहा है परंतु वह नाकाफी साबित हो रहा है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रशासन छोटे गांवों में 30 हजार से और बड़े गांवों में 50 हजार रूपए में कोविड सेंटर बनाने की कवायद कर रहा है, जबकि इस राशि से कोविड सेंटरों में तमाम सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जा सकती इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों को पुन: सक्रिय कर उन्हें वित्तीय शक्तियां प्रदान की जाए ताकि वह इस महामारी से निपटने के लिए कारगर कदम उठा सके और जब यह महामारी काबू में आ जाएं, तभी वहां चुनाव करवा दिए जाए।

पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि फरवरी माह से पंचायतों को भंग कर इनके रिकार्ड जमा हो गए हैं, इसके बाद मार्च में केंद्र से आने वाला एफएफसी से प्राप्त पैसा जो आबादी के हिसाब से दो लाख से बीस लाख तक आता है जो गांवों की साफ सफ़ाई व अन्य कार्यों में खर्च किए जाते है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर गांवों के जमीनों व तालाबों के पट्टे जो अप्रैल के आरंभ से मई के पहले पखवाड़े तक लाखों रुपयों में छोड़े जा चुके है, सारे पैसे खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियों के अधीन है।

अकेला आधिकारी इतने गांवों में सही देखभाल कर पाने में सक्षम नहीं हो सकता इसीलिए पंचायतें भंग होने के बाद से कोई इनकी ठीक से गौर नही कर रहा है, गांवों में सफ़ाई ना होने से गंदगी का बुरा हाल है, जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते यहां इस बीमारी का और फैलाव होने का अंदेशा बना हुआ है।

पं. टेकचंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से अनुरोध किया है कि इस भयावह स्थिति में अभी शायद कई महीने पंचायतों के चुनाव कराना संभव व उचित नहीं अत: निष्क्रिय ग्राम पंचायत को पुन: सक्रिय कर उन्हें पुन: वित्तीय शक्तियां प्रदान की जाएं ताकि इस महामारी पर काबू किया जा सके क्योंकि ऐसा होने से गांवों में ग्राम पंचायतों के द्वारा ही तुरंत सफ़ाई और छिडक़ाव कार्य शुरू होंगे और बीमारी पर काफी हद तक रोक लग पाएगी। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व सरपंच पंडित तेजपाल शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, दिनेश शर्मा, कुलदीप पंडित जी, होशियार सिंह आदि मौजूद थे।

Avinash Kumar Singh

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