इस विश्व में कब कहां क्या मिल जाये किसी को पता नहीं। समुंद्र अपने अंदर करोड़ों राज़ लिए बैठा है। समुद्र की दुनिया कई रहस्यों से भरी हुई है। आए दिन समुद्र के नीचे नए-नए जीवों के मिलने की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसे ही अब एक मछली मिली है जिसको देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल, हिंद महासागर में मेडागास्कर के तट पर एक 4 पैरों वाली मछली जिंदा पकड़ी गई है। अब तक माना जाता था कि मछलियों की ये प्रजाति विलुप्त हो गई है।
विलुप्त हो चुकी यह मछली सभी को चौंका रही है। जो भी इसे देख रहा है कोई यकीन नहीं कर पा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के शार्क पकड़ने वाले शिकारियों का एक समूह जब समुद्र में शिकार करने उतरा, तो उनके हाथ ये मछली लग गई। मछलियों की ये प्रजाति 42 करोड़ साल पुरानी है, यानी उस जमाने की, जब धरती पर डायनासोर भी मौजूद थे।
समुद्र की गहराइयों से मछुआरों को दुनिया की सबसे बूढ़ी मछली मिली है। इससे बूढ़ी मछली शायद ही कभी किसी को मिली हो। 1938 के बाद से इसे देखा नहीं गया था, लेकिन उसके बाद से पहली बार ये मछली जिंदा देखी गई है। मछली की इस प्रजाति का नाम Coelacanth है। मछली के आठ पंख हैं और विशाल शरीर है, जिसपर विशेष धारियां बनी हुई हैं।
सालों से इस मछली को नहीं देखा गया था। अब यह मछली सभी के सामने आकर बहुत कुछ बयां कर रही है। ये काफी गहराई में रहती है। दरअसल शिकारियों ने शार्क के पंख और तेल की तलाश में एक विशाल जाल ‘जिलनेट’ डाला था। ये जाल करीब 500 फुट नीचे तक जा सकता है। इतनी गहराई तक आम जाल नहीं जाते। लेकिन जिलनेट उस गहराई तक चला गया, जहां इस प्रजाति की मझलियां रहती है, और उनमें से एक जाल में फंस गई।
वैज्ञानिक इस मछली को देख कर शोध भी कर सकते हैं। इस मछली को 1938 तक विलुप्त माना जाता था लेकिन अब इसके जिंदा पकड़े जाने से वैज्ञानिक हैरानी जता रहे हैं।
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