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रिसर्च के बाद ही पता चलेगा कि स्वस्थ व्यक्ति क्यों चपेट में आ रहा है ब्लैक फंगल के

जैसे-जैसे एक महामारी घट रही है। वहीं दूसरी तरफ एक और नई महामारी एक और नया वायरस हमारी धरती पर आ गया है। उस वायरस का नाम है ब्लैक फंगस। कहां जा रहा है कि यह ब्लैक फंगस उन लोगों को ज्यादा चपेट में ले रहा है।

जो लोग अभी पिछले महामारी से तो ठीक हुए हैं या फिर उन्हें डायबिटीज है। या फिर यू कहे कि यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा चपेट में ले रही है जिनकी इम्यूनिटी लेवल लो है। लेकिन अब देखा गया है कि यह ब्लैक फंगस वायरस आम लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जो बिल्कुल ठीक है।

रिसर्च के बाद ही पता चलेगा कि स्वस्थ व्यक्ति क्यों चपेट में आ रहा है ब्लैक फंगल के

उसी के चलते आज हरियाणा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा यह आग्रह किया गया है कि स्वास्थ्य केंद्र को ब्लैक फंगस पर ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करनी चाहिए। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इस वायरस के तह तक जाकर इसका कोई तोड़ निकाला चाहिए।

केवल इस वायरस की चपेट में महामारी के मरीज ही नहीं, शुगर के मरीज ही नहीं पर जो लोग बिल्कुल स्वस्थ हैं वह भी आ रहे हैं और उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन इतनी गंभीर होती जा रही है। जिससे उनकी मृत्यु भी हो रही है। बल्कि इस बीमारी से ठीक होने का आंकड़ा बहुत कम है।

हरियाणा के चिकित्सकों ने भी यह कहा है कि वायरस की तह तक जाकर इस बीमारी का कोई ना कोई तोड़ जरूर निकालेंगे। हरियाणा में अब तक 623 मामले इस समय इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें से ठीक होने की आंकड़ा बहुत ही कम है और लगभग सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है।

अनिल विज ने कहा कि ब्लैक फंगल के इंजेक्शन कि इस समय कोई कमी नहीं है। लेकिन वहीं दूसरी और अस्पतालों का कहना है कि उनको सरकार के द्वारा ब्लैक बंगल के इंजेक्शन लिया नहीं करा रहे हैं जिसकी वजह से मरीजों को 1 दिन में जो 5 इंजेक्शन लगने से वह 7 दिनों में 4 इंजेक्शन लग रहे है।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि रिसर्च के माध्यम से यह पता लगाया जाए कि ब्लैक फंगल किससे हो रहा है और वह किस चीज से फैलता जा रहा है। क्योंकि हरियाणा में जो अभी कतक 623 मरीज़ इस बीमारी की चपेट में आ चुके है। जिसमे से 425 ब्लैक फंगल से ग्रस्त मरीजों पर रिसर्च की गई है।

जिसमें पाया गया है कि यह मरीज ना तो महामारी की चपेट में आए हैं और ना ही यह डायबिटीज है। इसके अलावा उन्होंने कभी भी स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी नहीं किया है और ना ही इनका ऑक्सीजन लेवल कम हुआ है। लेकिन उसके बावजूद भी यह ब्लैक फंगल बीमारी की चपेट में आ गए हैं।

इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के द्वारा हरियाणा के चिकित्सा संस्थान से मांग की है कि वह रिसर्च करके इस वायरस के बारे में पता लगाएं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहना है कि ब्लैक फंगल को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी रिसर्च होनी चाहिए।

ताकि ब्लैक फंगल किस कारणों की वजह से हो रहा है और किन को अपनी चपेट में ले रहा है। इसके बारे में उनको समय रहते पता चल जाए और वह उसके उपचार के बारे में भी कोई ना कोई शोध कर सकें और लोगों को इस बीमारी से ग्रस्त होने से बचा सके ।

Avinash Kumar Singh

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