उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर से हम सभी गंभीरता से लड़े हैं और सभी लोगों के सहयोग की बदौलत ही हम इसे काबू पाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है और किसी भी तरह की तीसरी संभावित लहर की संभावना अभी हमारे सामने बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भी जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। उपायुक्त यशपाल बुधवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
पत्रकार वार्ता में संबोधित करते हुए उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मामले 29 अप्रैल को 2900 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद 9 मई से मामले कम होने शुरू हुए और मौजूदा समय में जिला में कोविड-19 के 800 से भी कम पॉजिटिव मामले हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल 40 लोग वेंटिलेटर पर हैं। उपायुक्त ने बताया कि जिला में पिछले दिनों ऑक्सीजन की काफी कमी झेलनी पड़ी।
भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए तीन ऑक्सीजन प्लांट जिनमें ई.एस.आई मेडिकल कॉलेज, जिला बी.के. सिविल अस्पताल और एशियन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। इसके साथ ही 7 ऑक्सीजन प्लांट लगने के लिए प्रक्रिया जारी है। उपायुक्त ने बताया कि मरीजों के लिए जिला में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कांसन्त्रेटर और सिलेंडर भी मौजूद हैं। उपायुक्त ने बताया कि टीकाकरण को लेकर जिला में विशेष रूप से फोकस है और अब तक 5 लाख 46 हजार लोगों को कोविड-19 का टीकाकरण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि टीकाकरण को लेकर अलग-अलग जगह से शेड्यूल तय किए जाते हैं और इनके अनुसार ही टीकाकरण किया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि जिला में मौजूदा समय में तीन आरटीपीसीआर लैब कार्य कर रही हैं और सिविल अस्पताल में भी यह लैब शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में टाटा कंपनी द्वारा 100 बैड का अतिरिक्त अस्पताल बनाया जा रहा है। इसके अलावा बी.के. अस्पताल में 200 बेड बढ़ाए जाएंगे। वहीं एबीवी मैडिकल कालेज छांयसा में 200 बेड से संख्या बढ़ाकर 500 बेड की जाएगी। ई.एस.आई अस्पताल में 500 बेड की व्यवस्था है।
अमृता अस्पताल का कार्य भी जल्द-से-जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि एस.सी.एल हैल्थकेयर, एच.एस.वी.पी के सेक्टर-16 सनफ्लैग अस्पताल को भी जल्द शुरू करवाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि सेक्टर-12 व 31 में खेल स्टेडियमों में भी जरूरत पडऩे पर 500 बेडों की व्यवस्था की जा सकती है। इसके साथ ही जरूरत के अनुसार प्राईवेट लोगों द्वारा तैयार किए गए कोविड केयर सेंटरों को भी बड़े भवनों में शुरू किया जा सकता है। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि तीसरी संभावित लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करने के अनुमान के बाद जिला में बच्चों के लिए भी सुविधाएं बढ़ाने पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। अभी तक जिला में 42 केस कन्फर्म हुए हैं और 7 संदिग्ध मामले हैं। इसके साथ ही 28 लोगों का ईलाज हो चुका है। अभी तक ब्लैक फंगस से 8 मौत हुई हैं और इनमें 4 लोग जिला से बाहर के हैं।
उपायुक्त ने कहा कि जिला की 82 प्रतिशत आबादी शहरी है। उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 शहरों से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचा है, लेकिन फरीदाबाद के गांवों में इसका कोई खास असर नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 57 हजार 660 हाउसहोल्ड का सर्वे किया गया। उपायुक्त ने पत्रकार वार्ता में कोविड-19 के दौरान पत्रकारों द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों की भी सराहना की।
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