इस दुनिया से जाने वाला तो कभी वापस नहीं आता लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो जाने के बाद भी अमर हो जाते हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली सैयद रफत परवीन मरकर भी अमर हो गई हैं। उनकी जिंदगी तो चली गई है, लेकिन उन्होंने 4 लोगों को नई जिंदगी दी है। ब्रेन डेड होने के बाद दिल, किडनी, और लिवर चार लोगों को ट्रांसप्लांट किया गया।
मरने वाले तो कभी दोबारा नहीं आया करते लेकिन साइंस और टेक्नॉलजी की मदद से अब वे दूसरों में मुस्कुराते हुए जरूर मिल जाते हैं। रफत के दिमाग की नसों में पिछले हफ्ते अचानक ब्लिडिंग शुरू हुई। वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने की कोशिश की। लेकिन, रफत की हालत बिगड़ती गई। अंत में उनकी मौत हो गई।
उनके के परिवार को गर्व है कि जाते-जाते वह बहुत लोगों को जिंदगी दे गईं। डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद महिला के परिवार से बात करने के बाद डॉक्टरों ने अंगदान का फैसला किया। उनके दिल, किडनी और लिवर को अलग करके डोनेट करने की योजना बना दी गई। इसके बाद नेशनल ऑर्गन एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन को सूचित किया गया।
परिवार का दुःख तो कम नहीं हो सकता लेकिन उन्हें गर्व ज़रूर हो रहा है। महिला के परिवार की रजामंदी के बाद डॉक्टरों ने अंगदान का फैसला किया गया। उनके दिल, किडनी और लिवर को अलग कर लिया गया। मृतक के एक लिवर और किडनी को अस्पताल के ही दो मरीजों का ट्रांसप्लांट किया गया। दूसरा किडनी गुरुग्राम के ही आर्टिमिस अस्पताल में 45 मिनट भेजकर ट्रांसप्लांट किया गया। वहीं, हर्ट उत्तराखंड के मरीज को देकर उसकी जिंदगी बचाई गई।
रफत अब इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन उनके कारण कई लोगों के चेहरों पर मुस्कान ज़रूर आयी है। परिवार में दुःख ज़रूर है लेकिन बहुत से परिवारों में ख़ुशी देकर गयी हैं।
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