जब से केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून बिल पारित किया गया तब से मानों की किसानों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया है। बेखौफ सर्दी हो या गर्मी सैकड़ों किसान टिकरी बॉर्डर पर अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर जत्था जमाए हुए हैं।
मगर आए दिन किसानों के साथ हो रही बदसलूकी इस देश के कानून पर सवाल खड़ा कर रही हैं। इसी कड़ी में जब हरियाणा के 2 किसान नेताओं रवि आजाद और विकास हिसार को गिरफ्तार किया गया तो उनकी रिहाई के लिए घमासान मच गया।

महज एक दिन पहले ही दोनों किसानों को जमानत मिलने के बाद भी दोनों को गिरफ्तार करने के उपरांत भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत टोहाना अपने साथी किसान नेताओं के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठकर सीधा-सीधा पुलिस विभाग को चेता दिया कि जब तक उनके दोनों नेताओं को रिहा नहीं किया जाएगा, उनका विरोध प्रदर्शन कम होने वाला नहीं है।
वह इसी तरह थाने के बाहर बैठ कर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।गौरतलब है कि हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार के घटक जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) विधायक देवेंद्र सिंह बबली की ओर से किसानों को लेकर आए एक विवादित बयान के बाद किसानों ने उनके आवास का घेराव करने की कोशिश की थी.
वही जो पुलिस विभाग द्वारा किसानों से उनके विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपील की तो उन्होंने साफ-साफ इंकार कर दिया और अपनी मांग रखी कि दोनों की रिहाई ही उनके विरोध प्रदर्शन को खत्म कर सकती हैं। एसकेएम की ओर से आज यानी 7 जून को बड़े स्तर पर प्रदर्शन का ऐलान किया गया था।
जिसमें एसकेएम के नेता राकेश टिकैत के साथ ही योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के साथ ही दर्जनों नेता टोहाना थाने के बाहर प्रदर्शन में शामिल थे। एसकेएम के ऐलान को देखते हुए दोनों नेताओं की जमानत पर रिहाई को माहौल शांत कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
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