Categories: IndiaInternational

भारत ने चीन के खिलाफ लगाया 50 हजार करोड़ का दांव, जानिए क्या है मुनाफा और नुकसान ?

मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। यह योजना जिस समय शुरू हो रही है, उससे चीन की दिक्कत बढ़ना भी तय। इस समय कोरोना महामारी के बाद दुनिया में जो माहौल हो चुका है , उस में चीन में कार्यरत कंपनियां काफी परेशान हैं। लेकिन जिस तरह की सुविधाएं चीन में उनको मिलती हैं, वह अन्य जगहों पर नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में भारत सरकार ने एक रास्ता निकाला है। सरकार ने तय किया है जो कंपनियां देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग करेंगी, उनको कैशबैक दिया जाएगा। यह इतना बड़ा ऑफर है कि दुनिया की ज्यादातर बड़ी कंपनियां भारत आने को कतई भी संकोच नहीं करेंगी ।

भारत ने चीन के खिलाफ लगाया 50 हजार करोड़ का दांव, जानिए क्या है मुनाफा और नुकसान ?

6.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 50 हजार करोड़ रुपए, इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लगाए जाने है। अब आप जानना चाहेंगे कि इतनी बड़ी राशि कि लागत आखिर क्यों लगाई गई ।

मोदी सरकार ने सब्सिडी देने के लिए कंपनियों से आवेदन मंगाने शुरू कर दिए है। सरकार को उम्मीद है कि इससे करीब 8 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इस योजना में 5 ग्लोबल स्मार्टफोन निर्माता को देश में प्रोडक्शन बढ़ाने और उसके विस्तार के लिए कई तरह की छूट दी जाएंगी।

मोदी सरकार में मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना की के बारे जानकारी सबके सामने रखी। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई)आधार पर 4 से 6 फीसदी कैश ऑफर किया जाएगा। कंपनियां इस ऑफर का फायदा अगले 5 साल तक घरेलू निर्मित गुड्स की बिक्री के आधार पर उठा सकेगी। इस योजना के लिए 2019-20 को आधार वर्ष के रूप में निश्चय किया गया है।

सरकार के नए प्लान के तहत कंपोनेंट के प्रोडक्शन को बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर को बनाने के लिए पहले से बनी फैक्टरी और कॉमन फैसिलिटी का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे तत्काल प्रभाव से पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू किया जा सकेगा ।

कुछ इस प्रकार चुनी जाएंगी कंपनी

मोदी सरकार की तरफ से जिन 5 कंपनियों को यह छूट दी जाएगी, उनका चयन घरेलू स्तर पर निवेश और बिक्री के आधार पर होने वाला है। सरकार इन 5 स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों का ऐलान अगले दो महीने में कर देगी। इन कंपनियों को पीएलआई योजना के आधार पर चुना जाएगा। इसके अलावा स्मार्टफोन निर्माताओं को दो अलग तरह की छूट और दी जा सकती है । इस योजना के तहत कंपनियां 2025 तक यह कैशबैक का फायदा ले पाएंगी।

सरकार को उम्मीद है कि स्मार्टफोन और उसके कंपोनेंट उत्पादन का कारोबार करीब 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है ।

कैसे भारत बनेगा स्मार्ट फोन का निर्माता ।

सूत्रों के मुताबिक मेक इन इंडिया मुहिम जोर नहीं पकड़ पा रही थी। ऐसे में इस स्कीम से भारत में निमार्ण की क्षमता सुधर सकती है। सरकार को लगता है कि देश स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट हब बन सकता है। सैमसंग, ताइवान फर्म फैक्सकॉन और विस्ट्रान दोनों ने भारत के घरेलू प्रोडक्शन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। यह कंपनियां एप्पल को पार्ट्स की सप्लाई करती हैं।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

हरियाणा के इस जिले में 4.53 करोड़ की परियोजना जल्द होगी शुरू, इन जर्जर सड़कों के नवीनीकरण को मंजूरी

जिले में लंबे समय से बदहाल पड़ी दो प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण को आखिरकार मंजूरी…

1 week ago

हरियाणा के इस जिले में 4.53 करोड़ की परियोजना जल्द होगी शुरू, इन जर्जर सड़कों के नवीनीकरण को मंजूरी

जिले में लंबे समय से बदहाल पड़ी दो प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण को आखिरकार मंजूरी…

1 week ago

फरीदाबाद के मोहना–बागपुर रोड की जर्जर हालत से बढ़ी परेशानी, धूल और गड्ढों से हादसों का खतरा तेज

फरीदाबाद के मोहना से बागपुर जाने वाला प्रमुख मार्ग इन दिनों लोगों के लिए बड़ी…

1 week ago

फरीदाबाद में अब वाहनों की गति होगी नियंत्रित, बढ़ेगी सड़क सुरक्षा, हाई-रिस्क रूट्स पर लगेगा स्पीड रडार नेटवर्क

फरीदाबाद में बढ़ती तेज रफ्तार और लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए…

1 week ago

फरीदाबाद की हवा फिर हुई जहरीली,  लोगों की सेहत पर आ सकता है बड़ा खतरा

फरीदाबाद की हवा एक बार फिर से सेहत के लिए खतरा बनती नजर आ रही…

1 week ago

फरीदाबाद के इस सेक्टर में बनेगा हाईटेक पार्किंग सिस्टम, यात्रियों को मिलेगी जाम से मुक्ति

फरीदाबाद के सेक्टर-19 की स्पेशल मार्केट और मेट्रो स्टेशन के पीछे तैयार की जा रही…

2 weeks ago