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कभी-एक-एक पैसे को मोहताज थे बुमराह बचपन में खो दिया था पिता को, आज मचा रहे हैं बूम – बूम

भारत के धारदार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को कौन नहीं जानता। उनकी सफलता की कहानी हर किसी की ज़ुबान पर है। बुमराह अपनी खतरनाक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। 14 साल की उम्र में ही बुमराह ने ये फैसला कर लिया था कि वो क्रिकेट में अपना करियर बनाएंगे। इस खिलाड़ी का बपचन पिता के साए के बिना ही गुजरा है, जब वो 5 साल के थे तब ही उनके पिता चल बसे थे। बुमराह को उनकी मां और बड़ी बहन ने ही पाला पोसा बड़ा किया है।

आज जसप्रीत बुमराह के करोड़ों फैन्स हैं। उनकी गेंदबाज़ी के आगे बल्लेबाज़ घुटने टेक देते हैं। पिता के निधन के बाद जसप्रीत बुमराह का पारिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गया था। भारतीय टीम के इस गेंदबाज ने कभी एक जोड़ी टी-शर्ट और एक जोड़ी जूते में गुजारा किया है।

कभी-एक-एक पैसे को मोहताज थे बुमराह बचपन में खो दिया था पिता को, आज मचा रहे हैं बूम - बूम

कई युवाओं के लिए बुमराह आज प्रेरणा बने हुए हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ों में बुमराह ने अपनी जगह बना ली है। कुछ सालों पहले मुंबई इंडियंस को दिए एक इंटरव्यू में बुमराह ने कहा था- ‘‘पिता को खोने के बाद हम कुछ भी जुटाने के काबिल नहीं थे। मेरे पास एक जोड़ी जूते थे। मेरे पास एक जोड़ी टी-शर्ट हुआ करती थी। मैं उन्हें हर दिन धोता था और बार-बार इस्तेमाल करता था।

भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज बनने से पहले इस गेंदबाज ने काफी संघर्ष किया है। वह बताते हैं कि जब आप बच्चे होते हैं तो कभी-कभी ऐसी कहानियां सुनते हैं। जीवन में कई लोगों के साथ ऐसा होता है। उनके साथ भी हुआ। बुमराह ने बताया जब पहली बार मैं इसे आईपीएल में खेलते हुए देखी तो रोने लगी थी। इसने मुझे आर्थिक और शारीरिक रूप से भी संघर्ष करते देखा है। अपने बेटे को बड़े संघर्ष से पालने के बाद जब मैदान पर खेलते देखा था तब उन्हें अपने पति की याद आ गई थी।

संघर्ष का समय बीत ही जाता है। आपको हमेशा सफलता के लिए तैयार होना चाहिए। कभी हार नहीं माननी चाहिए। समय बदलते कभी देर नहीं लगती है। आपको निरंतर सफलता के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

Avinash Kumar Singh

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